नई दिल्ली (एजेंसी). जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय ने सोमवार को तीन सदस्यीय एक समिति गठित की है, जो जेएनयू की सामान्य कार्यप्रणाली बहाल करने के तरीकों पर सुझाव देगी। इसके बावजूद छात्रों का संसद मार्च जारी है।
लगातार संसद जाने को लेकर पुलिस के साथ धक्का-मुक्की कर रहे जेएनयू छात्रों ने छात्रसंघ अध्यक्ष समेत कई छात्रों को हिरासत में लिए जाने के बाद एक नई मांग उठाई है। छात्रों का कहना है कि हमें पुलिस ‘मास अरेस्ट’ कर ले, लेकिन आज हम संसद तक जाकर रहेंगे। बता दें कि अबतक तीन से ज्यादा बसों में भरकर मार्च कर रहे छात्रों को हिरासत में ले लिया गया है।
मार्च करने निकले छात्रों को दिल्ली पुलिस ने संसद पहुंचने से पहले बेर सराय रेड पर ही रोक दिया। उन्हें पार्लियामेंट तक जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे जेएनयू छात्रों को बेर सराय रोड पर रोक दिया है। उन्हें संसद की ओर प्रदर्शन करने के लिए नहीं जाने दिया जा रहा। इस दौरान छात्रों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की की खबर है। इसी बीच छात्रसंघ अध्यक्ष आशी घोष समेत करीब 30 से भी ज्यादा छात्रों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। इसके बाद छात्रों का गुस्सा और भी ज्यादा बढ़ गया है।
पुलिस ने बताया कि विश्वविद्यालय के बाहर पुलिस की 10 कंपनियां तैनात हैं और प्रत्येक कंपनी में 70-80 पुलिसकर्मी हैं। छात्रों को संसद तक नहीं पहुंचने देने के लिए पूरी पुलिस फोर्स तैनात है। संसद और जेएनयू के आसपास धारा 144 लगा दी गई है।
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