नई दिल्ली(एजेंसी): गलवान घाटी में चीन के बाद अब भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाया है. एलओसी के निकयाल सेक्टर में भारत की जवाबी कारवाई में पाकिस्तान के आधा दर्जन सैनिक हताहत हो गए. पाकिस्तान के युद्धविराम उल्लंघन के बाद भारत ने ये कार्रवाई की. रविवार को एलओसी पर भारत की जवाबी कारवाई में पाकिस्तान के कम से आधा दर्जन सैनिक बुरी तरह घायल हो गए.
एलओसी के निकयाल सेक्टर में भारत ने पाकिस्तान के युद्धविराम उल्लंघन का कड़ा जवाब दिया. इस जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना के सिंध रेजीमेंट के कम से कम छह (06) सैनिक घायल हो गए. सूत्रों का कहना है कि हो सकता है भारत की जवाबी गोलबारी में पाकिस्तानी सैनिकों की जान भी चली गई हो, लेकिन जैसाकि अक्सर पाकिस्तानी सेना की फितरत है वो कभी इसका खुलासा नहीं करेगी.
इससे पहले शनिवार को पाकिस्तान ने रामपुर (कश्मीर) सेक्टर में एलओसी से सटे भारतीय गांवों पर फायरिंग हुई थी. पाकिस्तान की इस फायरिंग में चार भारतीय नागरिक घायल हो गए थे. भारतीय सेना ने इसके जवाब में निकयाल सेक्टर में पाकिस्तानी सेना की चौकियों और आतंकी लांच पैड्स को तबाह कर दिया. माना जा रहा है कि इस जवाबी कारवाई में पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ है.
सूत्रों की मानें तो पाकिस्तानी सैनिक अगर इस गोलाबारी में मारे भी गए तो पाकिस्तानी सेना कभी खुलासा नहीं करेगी. वो इन सैनिकों को किसी दुर्घटना या फिर वजीरस्तान प्रांत में आतंकियों से लड़ते हुए मारे जाना बता देती है. कम ही होता है कि पाकिस्तान एलओसी पर मारे गए सैनिकों के बारे में सही सही जानकारी देती है.
पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तानी सेना एलओसी पर बिना किसी उकसावे के लगातार युद्धविराम का उल्लंघन कर रही है. ना केवल रामपुर बल्कि तंगधार, बारामूला, उरी, पूंछ, बालाकोटे, नौसेरा और मनकोट में पाकिस्तान की तरफ से फायरिंग हो रही है. लेकिन सेना के मुताबिक, जहां जहां भी पाकिस्तान की तरफ से युद्धविराम का उल्लंघन हो रहा है वहां वहां भारतीय सैनिक मुंह तोड़ जवाब दे रहे हैं.
इस बीच अपुष्ट खबरें हैं कि चीनी वायुसेना ने अपने 40 जे-10 फाइटर जेट्स पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बालटिस्तान के स्कार्दू एयरबेस में तैनात कर दिए हैं. चीन ने ऐसा भारत को घेरने के लिए किया है. ताकि अगर सीमा पर परिस्थितियां बिगड़ी तो भारत को दो मोर्चों से घेरा जा सके.
इस बीच केंद्र सरकार ने फायनेंसियल पॉवर के तहत तीनों सेनाओं (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) के सह-सेना प्रमुखों (वाइस चीफ) को 500 करोड़ तक रुपये तक के हथियार, गोला-बारूद और अन्य सैन्य साजो सामान खरीदने की इजाजत दे दी है. इस खरीद को सेनाएं फास्ट ट्रेक ऑर्डर के तहत ले सकती हैं. इसका फैसला भी रविवार को रक्षा मंत्री की सीडीएस और तीनों सेना प्रमुखों के साथ मीटिंग में किया गया.