नई दिल्ली(एजेंसी): भारतीय सेना ने एक बार फिर चीनी चालबाजियों के झूठ की पोल खोल दी है. चीन ने दावा किया था किया था कि भारतीय सेना की ओर से एलएसी पर फायरिंग की गई. अब भारतीय सेना के आधिकारिक तौर पर बयान जारी कर चीन के दावे को खारिज किया है. सेना ने कहा कि भारतीय सेना ने ना तो एलएसी पर किसी तरह की आक्रामक कदम नहीं उठाया. फायरिंग चीन की तरफ से हुई.
सेना ने अपने बयान में कहा, ”भारत एलएसी पर पर शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है. चीन लगातार एलएसी पर उत्तेजक गतिविधियों को जारी रखता है। भारतीय सेना ने एलएसी पार नहीं की, ना ही गोलीबारी समेत किसी भी तरह की आक्रामक कार्रवाई नहीं की.”
सेना ने कहा, ”7 तारीख को हुई घटना की बात करें तो चीनी सैनिक हमारी फॉर्वर्ड पोस्ट के पास आने का प्रयास कर रहे थे. इस पर दूसरे चीनी सैनिकों ने उनका पीछा किया. अपने सैनिकों को डराने के लिए पीएलए के सैनिकों ने कुछ राउंड हवा में फायर किए.”
सेना ने अपने बयान में एक बार फिर शांति बनाए रखने की प्रतिबद्धता को दोहराया है. सेना के प्रवक्ता ने कहा, ”हम किसी भी कीमत पर एलएसी पर शांति बनाए रखने के लिए प्रतिद्ध हैं. इसके साथ ही हर कीमत पर राष्ट्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए भी दृढ़ हैं.”
भारतीय सेना की ओर से वॉर्निंग फायर पर चीनी सेना की वेसटर्न कमांड ने बयावन जारी किया है. वेस्टर्न कमांड के प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा, ”गॉड पाउ माउंटेन इलाके में भारतीय सेना ने घुसपैठ की. कार्रवाई के दौरान भारतीय सेना ने गोलीबारी से धमकाया. चीनी सैनिकों को स्थिति सामान्य करने के लिए जवाबी कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा.”
बयान में आगे बताया गया, ”भारत के इस कदम ने भारत औऱ चीन के बीच समझौतों को तोड़ा है, जिससे क्षेत्क में तनाव बढ़ गया और गलतफहमी की गुंजाइश बढ़ गई है. ये बेहद खतरनाक सैन्य उकसावे वाली कार्रवाई है.” चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भी भारत के सानिकों पर गोलीबारी करने का आरोप लगाया है.
भारत-चीन सीमा पर 45 साल बाद फायरिंग हुई है. एलएसी पर आखिरी बार अक्टूबर 1975 में गोलीबारी की घटना अरूणाचल प्रदेश में हुई थी. 15 जून में गलवान झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे. इस झड़प में भी भारत ने संयम रखा और गोलीबारी नहीं की थी. गलवान की झड़प के बाद भारत ने अब ‘रूल ऑफ इंगेजमेंट’ बदल दिए. यानि अब जरूरत पड़ने पर फायरिंग भी की जा सकती है.