नई दिल्ली(एजेंसी): कोरोना वॉरियर्स डरे हुए हैं, सहमे हुए हैं. मजबूरी में दिल्ली के AIIMS में नर्स यूनियन ने प्रदर्शन किया. डर की वजह कोरोना नहीं है बल्कि कोरोना से बचाने के लिए बने पीपीई किट हैं जो जी का जंजाल बने हुए हैं. कोरोना संकट में लोगों की जान बचाने वाले इन कोरोना वॉरियर्स को अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर धरने पर बैठना पड़ा.
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एम्स प्रशासन के दरवाजे पर बैठे नर्सों के समूह का कहना है कि ड्यूटी के दौरान उन्हें लगातार 6 घंटों तक पीपीई किट पहनकर काम करना पड़ता है. जिससे उनकी सेहत खराब हो रही है. किट पहनकर काम करने के दौरान उन्हें कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
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पीपीई किट को काफी देर पहने रहने पर डिहाइड्रेशन की समस्या होती है. शरीर को नहीं मिल पाती हवा, दम घुटने की समस्या. सिर दर्द, आंखों में जलन और त्वचा रोग जैसी परेशानियां. चेहरे पर लगे चश्मे हो जाते हैं धुंधले, नहीं दिखता कुछ भी साफ . कई नर्सिंग स्टाफ की तबीयत खराब. पीपीई बार-बार उतारना संभव नहीं होता इसलिए स्वास्थ्यकर्मियों को डायपर पहन कर काम करना होता है.
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ऐसे में नर्सों की मांग है कि उनकी ड्यूटी की अवधि 6 घंटे से घटाकर 4 घंटे की जाए और उनकी सुरक्षा पर ध्यान दिया जाए. अपनी मांग को लेकर इन नर्सों ने अस्पताल प्रशासन को चिट्ठी भी लिखी जिसमें कहा कि अगर उनकी मांगो पर ध्यान नही दिया गया तो ये अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे. हालांकि अस्पताल प्रसाशन की तरफ से कोई आश्वासन नहीं मिला है.
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