नई दिल्ली (एजेंसी)। बारिश और बाढ़ से केरल-कर्नाटक समेत दक्षिण पश्चिम के पांच राज्यों में मृतकों की संख्या सोमवार को 197 हो गई। छह दिनों से हो रही बारिश से केरल में सर्वाधिक 76 जानें गई हैं। 2.87 लाख लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। वायनाड-मल्लपुरम में अभी भी 50 लोगों के फंसे होने की आशंका है। इस बीच केरल विश्वविद्यालय ने 13 अगस्त को होने वाली सभी परीक्षाएं टाल दी हैं। कर्नाटक में बाढ़ से अब तक 42 मौतें हुईं और यहां 5.81 लाख लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा, बाढ़ से राज्य में 10 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने केंद्र से तीन हजार करोड़ रुपये की तत्काल मदद मांगी है। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर इसे छह दशक की सबसे भयानक बाढ़ बताते हुए केंद्र से पांच हजार करोड़ रुपये की अंतरिम मदद की मांग की है।
उधर तमिलनाडु के नीलगिरी में राहत के लिए डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने 10 करोड़ रुपये की मदद की घोषणा की है। महाराष्ट्र के कोल्हापुर और सांगली में पानी घटने लगा है, 4.48 लाख लोगों को सुरक्षित निकाला लिया गया। राज्य सरकार ने बाढ़ में नष्ट हुए मकानों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाने का प्रस्ताव रखा है। छह दिन से बंद मुंबई-बंगलूरू हाईवे भी सोमवार को खुल गया। उधर, गुजरात में वायुसेना ने कच्छ से 125 लोगों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है।
इस बीच मौसम विभाग की ओर से केरल के बाढ़ पीड़ित इलाकों के लिए अच्छी खबर आई है। सोमवार को मौसम विभाग ने किसी भी 14 जिले में बारिश का रेड अलर्ट जारी नहीं किया है।
दक्षिण भारत के राज्य कर्नाटक में सभी नदियां उफान पर हैं। बेल्लारी जिले में तुंगभद्रा नदी के तट पर स्थित यूनेस्को विश्व धरोहर हम्पी रविवार की सुबह एक जलाशय से 1.70 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद डूब गया। अधिकारियों के अनुसार हम्पी से पर्यटकों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है।
कर्नाटक में अप्रत्याशित बाढ़ के चलते पिछले हफ्ते से अब तक 40 लोगों की जान चली गयी और 17 जिलों के 80 तालुकों में चार लाख लोग विस्थापित हो गये। गृह मंत्री अमित शाह ने कर्नाटक और महाराष्ट्र के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। केरल में 2.51 लाख से अधिक लोगों ने 1,639 राहत शिविरों में शरण ली है। राज्य सरकार की ओर से रविवार शाम सात बजे जारी बयान के अनुसार, बारिश और बाढ़ ने अभी तक 72 लोगों की जान ली है जबकि 58 लोग अब भी लापता हैं। कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रविवार को उड़ान परिचालन बहाल हो गया। रनवे पर पानी भर जाने के कारण हवाई अड्डा दो दिनों से बंद था।
पश्चिमी महाराष्ट्र के पांच जिलों में एक हफ्ते में वर्षा जनित घटनाओं में करीब 40 लोगों की मौत हो गयी। उनमें वे 17 लोग भी हैं जो बृहस्पतिवार को सांगली में ब्रह्मनाल गांव के समीप नौका के पलटने से डूबकर मर गये थे। महाराष्ट्र के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से अबतक चार लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उनके अनुसार 69 तहसील में 761 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। पश्चिमी महाराष्ट्र में बाढ़ की स्थिति में सुधार लाने के लिए कर्नाटक में कृष्णा नदी पर अलमाटी बांधी से पांच लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है। अधिकारी ने बताया कि सतारा में कोयना बांध से 53,882 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है क्योंकि उसके तटबंधीय क्षेत्र में अब भी बारिश हो रही है।