लखनऊ (एजेंसी)। उत्तर प्रदेश के कमलेश तिवारी हत्याकांड मामले में पुलिस ने दो मौलानाओं को गिरफ्तार किया है। मौलाना अनवारुल हक और मुफ्ती नईम कासमी को गिरफ्तार किया है। साल 2015 में अनवरुल ने कमलेश तिवारी का सिर कलम करने पर 51 लाख का ईनाम रखा था। अनवारुल को थाना नगीना के आशियाना कॉलोनी से गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा गुजरात के सूरत से तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है साथ ही 7 संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। गुजरात एटीएस ने ये गिरफ्तारियां की हैं।
कमलेश तिवारी की पत्नी द्वारा की गई एफआईआर में मौलाना अनवारुल का नाम था जिसके बाद ये कार्रवाई की गई है। इसके अलावा एक ऐर मौलाना मुफ्ती नईम काशमी का भी नाम सामने आया है। घटनास्थल से सूरत की मिठाई की दुकान का एक बॉक्स मिला है जिसमें हत्यारों द्वारा हथियार छुपाकर लाने की बात कही जा रही है।
इस मामले में कई तरह की बातें सामने आ रही हैं। कमलेश के भतीजे ने कहा है कि बीजेपी नेता शिवकुमार गुप्ता से मंदिर की जमीन को लेकर विवाद चल रहा था, दस दिन पहले उन्होंने कमलेश को जान से मारने की धमकी दी थी। वहीं कमलेश की पत्नी का कहना है कि बीजेपी नेता शिवकुमार गुप्ता से रामजानकी मंदिर ट्रस्ट को लेकर विवाद चल रहा था। जानकारी के मुताबिक दो हमलावार थे, उन्होंने पहले कमरे में चाय पी। वो अपने साथ मिठाई के डिब्बे में बंदूक और चाकू लेकर पहुंचे थे। एक ने गला रेता और दूसरे ने गोली मार दी। कमलेश पर चाकू और बंदूक दोनों से वार किया गया।
इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी में लखनऊ के आईजी एसके भगत, लखनऊ के एसपी क्राइम दिनेश पूरी और एसटीएफ के डिप्टी एसपी पीके मिश्रा शामिल हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कमलेश तिवारी हत्याकांड में प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी से रिपोर्ट भी मांगी है। बताया जा रहा है कि तीन संदिग्धों का एक सीसीटीवी फूटेज भी सामने आया है।