नई दिल्ली (एजेंसी) : जलवायु परिवर्तन के कारण एक ओर जहां अत्यधिक समय ठंड हो रही है तो वहीं दूसरी ओर गर्मी के वक्त बारिश और ओलावृष्टि हो रही है। जम्मू-कश्मीर में 2 दिन से बर्फबारी, ओलावृष्टि व बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत 19 जिलों में हुई बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ, वहीं वर्षाजनिक हादसों में कम से कम 28 लोगों की मृत्यु हो गई और 50 से अधिक लोग घायल हो गए।
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खबरों के मुताबिक, दिल्ली में पिछले 2 दिनों से रात के समय तेज हवा के साथ बरसात हो रही है। बुधवार रात भी दिल्ली के कई हिस्सों में बरसात हुई थी। इसके बाद गुरुवार सुबह से राजधानी के ज्यादातर हिस्सों में धूप खिली रही। हालांकि लगातार हो रही बूंदाबांदी और तेज हवाओं के चलते तापमान अब भी सामान्य से कम बना हुआ है।
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वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत 19 जिलों में गरज चमक और तेज हवा के साथ हुई बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ, साथ ही यहां वर्षाजनिक हादसों में कम से कम 28 लोगों की मृत्यु हो गई और 50 से अधिक लोग घायल हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबधित जिला प्रशासनों को राहत एवं बचाव कार्य त्वरित गति से करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि अधिकारी प्रभावित क्षेत्रों में जाकर नुकसान का आकलन करें और 24 घंटे के भीतर प्रभावित किसानों के नुकसान की भरपाई करें।
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हिमाचल प्रदेश में ऊंचाई वाले स्थानों पर औसत की तुलना में भारी हिमपात और बारिश ने आम जनजीवन प्रभावित किया। बारिश के साथ आई आंधी में कई जगह पेड़ उखड़ गए तथा कच्चे मकानों की छतें उड़ गईं। हमीरपुर, बिलासपुर और कांगड़ा में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा हुई। शिमला में शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन तेज हवा के साथ ओले गिरे, जिससे मौसम ठंडा हो गया। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान फिर बारिश व बर्फबारी की संभावना जताई है।मैदानी इलाकों में 15 से 18 मार्च तक मौसम साफ रहेगा, जबकि मध्य पर्वतीय व उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में 15 मार्च तक वर्षा व हिमपात का अनुमान है। पहाड़ी राज्यों उत्तराखंड, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी और बारिश से जनजीवन प्रभावित है।
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मौसम में आए इस बदलाव का सबसे बड़ा कारण जलवायु परिवर्तन है। इस वक्त हम जलवायु परिवर्तन के संक्रमण काल से गुजर रहे हैं। एक ओर जलवायु प्राकृतिक तौर पर बदल रही है तो वहीं दूसरी ओर उस पर मानवजनित गतिविधियों का भी बड़ा असर पड़ रहा है।
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