नई दिल्ली (एजेंसी). चिटफंड की आड़ में हो रही धोखाधड़ी रोकने के लिए चिटफंड बिल लोकसभा से पास हो गया है. सरकार ने सोमवार को लोकसभा में चिटफंड (अमेंडमेंटेंट) बिल, 2019 (Chit Fund (Amendment) Bill, 2019) पेश किया था. अब यह बिल राज्य सभा में पेश किया जाएगा. आपको बता दें कि चिट फंड सालों से छोटे कारोबारियों और गरीब लोगों के लिए निवेश का स्रोत रहा है. लेकिन कुछ पक्षकारों ने इसमें अनियमितताओं को लेकर चिंता जताई थी, जिसके बाद सरकार ने एक परामर्श समूह बनाया. 1982 के मूल कानून को चिट फंड के विनियमन का उपबंध करने के लिए लाया गया था. संसदीय समिति की सिफारिश पर कानून में संशोधन के लिए विधेयक लाया गया.
पिछले दिनों कई कंपनियों में घोटाले सामने आए हैं. ये कंपनियां चिटफंड की आड़ में कुछ गलत काम कर रही थीं. लेकिन अब सरकार ने 1982 के चिटफंड बिल में बदलाव करने का फैसला लिया है. लोकसभा में इसी से जुड़ा बिल पेश किया गया है. बिल पारित होने के बाद चिटफंड कंपनियों का बेहतर रेगुलेशन हो सकेगा. उनमें बेहतर पारदर्शिता हो सकेगी और चिटफंड के नाम पर धोखाधड़ी करना मुश्किल हो सकेगा.
चिटफंड संशोधन बिल में कई प्रावधान किए गए हैं. इसमें ये भी कहा गया है कि चिटफंड कंपनियां बेहतर तरीके से विकास कर सकें इसके लिए भी जरूरी प्रावधान हुआ है. चिटफंड में व्यक्तिगत और कंपनियों की निवेश की सीमा बढ़ाई गई है. चिटफंड में व्यक्तिगत निवेश की सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने का प्रस्ताव रखा गया है. वहीं कंपनियों के लिए यह सीमा 6 लाख रुपये से बढ़ाकर 18 लाख रुपये करने का प्रस्ताव है.
Comments are closed.