आईएनएक्स मीडिया मामला में इंद्राणी मुखर्जी को मिली सरकारी गवाह बनने की अनुमति

नई दिल्ली (एजेंसी)। दिल्ली की एक विशेष सीबीआई अदालत ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम से जुड़े आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में इंद्राणी मुखर्जी को सरकारी गवाह बनने की गुरुवार को अनुमति दे दी। मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होनी है। उन्हें इस दिन बायकुला जेल प्रशासन अदालत में पेश करेगा। विशेष जज अरुण भारद्वाज ने आईएनएक्स मीडिया मामले में अपनी मर्जी से सरकारी गवाह बनने को राजी हुई मुखर्जी को माफी कर दिया। वह भी इस मामले में आरोपी थीं। अदालत ने मुखर्जी के लिए पेशी वारंट जारी किया। वह एक अन्य मामले में मुंबई की जेल में बंद हैं।

इंद्राणी ने आठ फरवरी को अदालत में सरकारी गवाह बनने का आवेदन दिया था। तब वह पटियाला हाउस कोर्ट के विशेष सीबीआई जज सुनील कुमार राणा के सामने मुंबई की भायखला जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई। जिसमें उसने बताया कि वह सरकारी गवाह बनना चाहती है। सीबीआई व ईडी ने आईएनएक्स मीडिया रिश्वत मामले में पी चिदंबरम, उनके बेटे कार्ति, सीए भास्कर रमण व इंद्राणी को आरोपी बनाया है।

एजेंसी का आरोप है कि आईएनएक्स मीडिया समूह में विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड (एफआईपीबी) की अनुमति दिलाने के लिए चिदंबरम ने अपने पद का दुरुपयोग किया था और अपने बेटे कार्ति के जरिए 300 करोड़ से ज्यादा की घूस ली थी। पूछताछ में इंद्राणी बता चुकी है कि वह एफआईपीबी की मंजूरी के सिलसिले में कार्ति चिदंबरम से मिली थी।

2007 में वित्त मंत्री पी चिदंबरम के कार्यकाल में आईएनएक्स मीडिया को विदेश से 305 करोड़ रुपये स्वीकार करने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की ओर से दी गई मंजूरी में कथित अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था। इस मामले में कार्ति चिदंबरम के खिलाफ ईडी और सीबीआई दोनों जांच एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं। कार्ति पर प्रमुख आरोप ये है कि पिता के वित्तमंत्री रहते हुए उन्होंने इसका फायदा उठाकर कई कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया।

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