आंध्र : दुष्कर्म के आरोपियों को फास्ट ट्रैक सजा दिलाने के लिए राज्य में पास हुआ ‘दिशा’ बिल

नई दिल्ली (एजेंसी). डॉक्टर दिशा से गैंगरेप फिर हत्या से पूरे देश में गुस्सा था। जगह-जगह प्रदर्शन कर चारों आरोपियों के लिए फांसी की मांग की गई। आरोपी एनकाउंटर में मारे गए। लेकिन इसके बाद आंध्र प्रदेश में एक बड़ा फैसला लिया गया है। आंध्र प्रदेश विधानसभा ने शुक्रवार को ‘दिशा’ बिल पास किया। इस बिल में रेप या गैंगरेप की सजा मौत निर्धारित की गई है।

रेप या गैंगरेप पर ऐसी सजा तय करने वाला आंध्र प्रदेश पहला राज्य बन गया है। इस विधेयक के तहत रेप और गैंगरेप के अपराध के लिए ट्रायल को तेज किए जाने, 21 दिन के अंदर फैसला देने और मौत की सजा का प्रावधान है।

क्या है नया कानून ?

– महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों को सुनने के लिए विशेष अदालतों की स्थापना की जाएगी। यह बिल भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (ई) के तहत उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति देता है जो सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट अपलोड करते हैं जो महिलाओं को नीचा दिखाते हैं। पहली बार के अपराधियों को दो साल के कारावास से दंडित किया जाएगा, जबकि यह दूसरी बार के अपराधियों को चार साल की जेल होगी।

– बच्चों के खिलाफ यौन उत्पीड़न में शामिल लोगों पर धारा 354 (एफ) के तहत कार्रवाई की जाएगी। ऐसे मामलों में अपराधियों को 10 से 14 साल की जेल की सजा दी जाएगी और अपराध में गंभीरता के मामले में आजीवन कारावास होगा। कैबिनेट ने POCSO अधिनियम के तहत ऐसे अपराधों के लिए कारावास का विस्तार करने को मंजूरी दी है।

– सरकार द्वारा तैयार किए गए मसौदे में निर्णायक सबूतों के साथ पाए जाने पर बलात्कार के दोषियों को मृत्युदंड की सजा दी जाएगी।

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