नई दिल्ली (एजेंसी)। भाजपा की अगुवाई वाला एनडीए (NDA) अगले साल नवंबर में राज्यसभा में पूरी तरह बहुमत में होगा। ऐसा होने की स्थिति में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार कुछ महत्वपूर्ण बिलों को संसद के दोनों सदनों में पारित कराने की स्थिति में होगी। उच्च सदन में पर्याप्त संख्याबल नहीं होने के कारण पिछली नरेंद्र मोदी सरकार इन महत्वपूर्ण विधेयकों को विपक्ष के अड़ंगे के कारण नहीं पास करा सकी थी।
मौजूदा वक्त में राज्यसभा में एनडीए के 102 सदस्य हैं जबकि उच्च सदन से किसी विधेयक को पारित कराने के लिए 123 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होती है। कांग्रेस की अगुवाई वाला यूपीए की 65 और अन्य दलों की 73 सीटें हैं। हालांकि, इसी साल से उच्च सदन में बदलाव दिखाई देने लगेगा। राज्य सभा में साल 2019 में 10 और साल 2020 में 72 सीटें रिक्त होंगी। उच्च सदन में इस साल जो दस सीटें खाली होंगी उनमें असम के हिस्से में दो, तमिलनाडु की छह, बिहार और ओडिशा की एक-एक सीटें आएंगी।
साल 2020 में जो 72 सीटें खाली होंगी उनमें यूपी के हिस्से की 10, महाराष्ट्र की सात, तमिलनाडु की छह, बंगाल-बिहार की पांच-पांच, कर्नाटक, गुजरात, आंध्र प्रदेश और ओडिशा की चार-चार सीटें होंगी। साल 2020 में ही राजस्थान, मध्य प्रदेश और असम की तीन-तीन सीटें जबकि हरियाणा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और झारखंड के हिस्से की दो-दो सीटें खाली होंगी। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय और अरुणाचल के हिस्से की एक-एक सीटें भी खाली होंगी।