नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर से अयोध्या में राम मंदिर का मुद्दा गरमाने लगा है। अखिल भारतीय संत समिति भी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर दबाव बना रही है। इसी के तहत शनिवार को देश भर से 3 हजार साधु- संत दिल्ली के ताल कटोरा स्टेडियम में जमा हुए है। यहां विवादित जमीन पर राम मंदिर निर्माण को लेकर रणनीति बनाई जाएगी।
जानकारी के अनुसार प्रयागराज में होने वाले कुंभ से पहले दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में साधु-संतों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है। यह बैठक दो दिन चलेगी और जिसमें देशभर के 125 संप्रदायों के संतों के हिस्सा लेने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि इस महासम्मेलन के दौरान राम मंदिर के मुद्दे पर किसी बड़े आंदोलन का ऐलान किया जा सकता है। संत समिति की यह बैठक आरएसएस के बयान के एक दिन बाद हो रही है जिसमें कहा गया था कि जरूरत पड़ने पर 1992 जैसा आंदोलन किया जा सकता है।
इस महासम्मेलन में 127 हिंदू संगठनों के संत, शंकराचार्य और उच्च हिंदू संगठनों के साधु हिस्सा लेंगे। जिसमें साध्वी ऋतंभरा भी शामिल हैं। 90 के दशक में राम मंदिर आंदोलन के दौरान वह अपने विवादास्पद बयानों के कारण चर्चा में रही थीं। अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि संत समाज देश के अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि अर्बन नक्सल में देश विरोधी ताकतें शामिल हैं. सुप्रीम कोर्ट के माननीय जज उन्माद फैला रहे हैं, अयोध्या के मामले में जब वह कहते हैं कि उनके पास समय नहीं है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के राम मंदिर की सुनवाई जनवरी का टाल देने के बाद से साधु-संतों में नाराजगी है। उनकी मांग है कि राम मंदिर के लिए सरकार से अध्यादेश लेकर आए। साधु संतों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर दिसंबर में अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण नहीं शुरू होता है। तो देश भर के साधु संत 6 दिसंबर को अयोध्या में जुटेंगे और कारसेवा करेंगे।