नई दिल्ली (एजेंसी). टेलीकॉम नियामक संस्था ट्राई ने इंटरकनेक्ट यूजेज चार्ज (IUC) खत्म करने के फैसले को टाल दिया है. ट्राई ने मंगलवार को कहा कि 31 दिसंबर 2020 तक आईयूसी चार्ज जारी रहेगी. TRAI के इस फैसले का सीधा मतलब ये है कि दूसरे नेटवर्क पर की जाने वाली कॉल्स पर 6 पैसे प्रति मिनट का इंटरकनेक्ट शुल्क (IUC) अगले एक साल के लिए और जारी रहेगा. ट्राई का फैसला वोडाफोन-आइडिया और भारती एयरटेल के लिए गुड न्यूज़ है. इससे उन्हें फायदा होगा.
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साल 2020 में आईयूसी चार्ज खत्म करने के लिए ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों की इस साल की सिंतबर महीने में राय ली थी. उस वक्त वोडाफोन-आइडिया और भारती एयरटेल आईयूसी चार्ज खत्म करने के फैसले को आगे बढ़ाने के पक्ष में थे. लेकिन जियो ने फैसले पर आपत्ति जताई.
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हालांकि, तह जियो ने अक्टूबर से फ्री कॉलिंग खत्म कर दूसरे नेटवर्क पर आउटगोइंग के लिए 6 पैसे प्रति मिनट आईयूसी चार्ज लेना शुरू किया था. रिलायंस ने इसके लिए टॉपअप जारी किए थे. हालांकि उसमें टॉकटाइम के साथ साथ फ्री डेटा भी यूज़र्स को मिल रहा है। यह डेटा यूज़र्स को 1 जीबी प्रति 10 रुपये के हिसाब से दिया जा रहा है। यानी एक प्रकार से ग्राहकों पर अधिक भार नहीं पड़ेगा।अब ट्राई के फैसले से कर्ज के बोझ तले दबी दूरसंचार कंपनियों को राहत मिलने की उम्मीद है.
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आपको बता दें कि 1 अक्टूबर 2017 से 14 पैसे प्रति मिनट आईयूसी को घटाकर 6 पैसा प्रति मिनट कर दिया गया था. दूरसंचार कंपनियों की संस्था सीओएआई ने बताया कि इंटरकनेक्ट चार्ज जारी रहने से उनके उपभोक्ताओं पर भार नहीं पड़ेगा क्योंकि दूरसंचार कंपनियों ने पहले ही इस चार्ज को मोबाइल कॉल और डाटा की बढ़ी हुई दरों में शामिल कर लिया है. वायरलेस से वायरलेस घरेलू कॉल्स पर छह पैसे प्रति मिनट का टर्मिनेशन शुल्क 31 दिसंबर, 2020 तक जारी रहेगा. माना जाता है कि अगर आईयूसी चार्ज को 1 जनवरी, 2020 से समाप्त किया जाता तो इससे टेलीकॉम क्षेत्र पर 3,672 करोड़ रुपये का प्रभाव और पड़ता.
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