सावन मास 2024 : चतुर्योग मे 22 जुलाई से, जाने कैसे करें सभी मनोकामनाएं पूर्ण

 

72 वर्षों बाद पड़ रहा यह विशेष श्रावण मास, बना सकता हैं भाग्यशाली पढ़े कैसे

                                          ज्योतिषाचार्य डॉ. दत्तात्रेय होस्केरे

रायपुर (अविरल समाचार). यह सावन मास 2024 (Sawan 2024) सोमवार को चन्द्र प्रधान श्रवण नक्षत्र से प्रारम्भ हो रहा है और सोमवार को चन्द्र प्रधान श्रवण नक्षत्र मे ही समाप्त हो रहा है| यह सावन मास (Sawan 2024)  प्रितियोग,सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और आयुष्मान योग जैसे चतुर्योग मे प्रारम्भ हो रहा है| इस वर्ष श्रावण मास (Shravan 2024) मे प्रीति योग,आयुष्मान योग और सर्वार्थ सिद्धि योग पड़ रहे हैं| मनुष्य को भाग्यशाली बनाने वाले शुक्रादित्य, बुधादित्य, नवं पंचम, गज केसरी, कुबेर और शश जैसे राजयोग बन रहे है| यह योग 72 वर्षों बाद पड़ रहा है |श्रावण मास (Shravan 2024)  में जितने भी सोमवार पड़ते हैं, उन सबमें शिवजी का व्रत किया जाता है।इस वर्ष 5 सावन सोमवार पड़ रहे हैं| इन पाँचों  सोमवार यदि प्रत्यक्ष विधान के अनुसार पूजा की जाये तो रोगो और पारिवारिक क्लेश का नाश होता है| 

सावन मास 2024 (Sawan 2024) : सोमवार 22  तारीख  से श्रावण मास प्रारम्भ हो रहा है चंद्र प्रधान इस मास मे शिव जी की पूजा को महत्वपूर्ण और प्रभावकरी माना जाता है जल तत्व प्रधान चंद्रमा जहाँ एक ओर वातावरण मे नमी लेकर आता है और खेत लहलहा उठते है वही दूसरी ओर मनुष्य को भी प्रभावित करता है इसीलिये तिरछे चंद्र को अपने मस्तक पर धारण करके उसकी शोभा बढाने वाले भगवान अशुतोष की पूजा अत्यंत महत्वपूर्ण है |

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सावन मास 2024 (Sawan 2024) : शिव सत्य है, समर्पण है, त्याग है, और परिभाषित होने से परे है | शास्त्रो मे कहा गया है कि “आत्मा त्वम गिरिजा मति: सहचरा: प्राणा: शरीरम गृहम” अर्थात जिस तरह सत्य और शक्ति एक दूसरे के बगैर अधुरे है, जिस तरह आत्मा और मन के बगैर शरीर जागृत नही हो सकता, उसी तरह शिव और पार्वती की एक दूसरे के बगैर कल्पना नही की जा सकती| श्रावण मास एक ऐसा अवसर है जब मनुष्य अपने मे अंतर्निहित सत्य स्वरूप शिव और उर्जा के रूप मे विध्यमान शक्ति को एकाकार कर सकता है |

श्रावण मास (Shravan 2024) मे शिव पूजा करने से समस्त रोगो,विकारो एवँ क्लेशो का नाश होता है | श्रावण मास का यह नाम श्रवण नक्षत्र से इस समाप्ति होने के कारण पडा है जल तत्व से युक्त यह मास चंद्र प्रधान है और चुकि शिव जी अपने मस्तक पर चंद्र को धारण करते है इसलिये यह मास शिव को समर्पित है |

कर्क संक्रांति है अत्यंत महत्वपूर्ण

16 जुलाई को सूर्य कर्क राशी मे प्रवेश कर चुका है| श्रावण मास (Shravan 2024) की कर्क संक्रान्ति की महत्ता प्रतिपादित करते हुए शिवपुराण की विद्येश्वर संहिता में लिखा है कि श्रावण मास को कर्क राशी में सूर्य के रहते  भगवान शिव के पूजन के साथ अम्बिका का पूजन करें। वे सम्पूर्ण मनोवांछित भोगों और फलों को देने वाली हैं। सम्पन्नता स्वास्थ्य और प्रगति की इच्छा रखने वाले सभी लोगो को उस दिन अवश्य उनकी पूजा करनी चाहिए।

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