नई दिल्ली(एजेंसी). NEET-JEE 2020: जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (JEE) और नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) परीक्षा के आयोजन को लेकर विरोध बढ़ता ही जा रहा है. परीक्षा में अब दस दिनों से भी कम समय बचा है और सुप्रीम कोर्ट ने भी जेईई मेन और नीट परीक्षा आयोजित कराने के लिए अनुमति दे दी है. लेकिन इन सबके बाद भी जेईई मेन और नीट परीक्षा के आयोजन को लेकर जमकर विरोध हो रहा है. छात्रों समेत कई राजनीतिक और बॉलीवुड हस्तियां भी परीक्षा को स्थगित करने की मांग कर रही हैं. जानिए जेईई और नीट परीक्षा को लेकर देश में इतना बवाल क्यों हो रहा है और ताजा अपडेट क्या है.
दरअसल देश में कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामले को देखते हुए कई छात्रों ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की तीन जुलाई 2020 को जारी किए गए उस नोटिस को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिसमें जेईई मेंस और नीट (Neet-Jee 2020) की प्रवेश परीक्षाओं को आयोजित कराने सम्बन्धी शेड्यूल जारी किया गया था. इन छात्रों का कहना था कि कोरोना संक्रमण से स्थिति सामान्य होने के बाद ही इन परीक्षाओं को आयोजित किया जाना चाहिए. ये याचिका 6 अगस्त को दायर की गई थी.
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इस याचिका में यह भी आरोप लगाया गया था कि संबंधित प्राधिकारियों ने बिहार, असम और पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ की विभीषिका से प्रभावित लाखों छात्रों की स्थिति को नजरअंदाज करते हुए परीक्षाएं आयोजित करने का फैसला लिया है. इन राज्यों में ऑनलाइन या ऑफ लाइन परीक्षायें आयोजित करना संभव नहीं होगा.
इसके बाद स्टूडेंट्स के अभिभावकों की एक एसोसियशन ‘गुजरात पैरेंट्स एसोसिएशन’ ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करके परीक्षा तय समय पर ही कराने की मांग की. अभिभावकों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को यह निर्देश दे कि वह छात्र हित में इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेन और मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट को सितंबर में तय शेड्यूल पर ही करवाए. एसोसिएशन ने अपनी याचिका में कहा था कि ‘इन्हीं प्रवेश परीक्षाओं से छात्रों के कैरियर की दिशा तय होती है. परीक्षा तिथि के बढ़ने से उन्हें न केवल एक अकादमिक वर्ष का नुकसान उठाना पडेगा, बल्कि आगे चलकर उन्हें प्रोफेशनल करियर में भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. इसलिए तय समय पर ये परीक्षाएं होनी चाहिए.’
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इसके बाद 17 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा न कराने को लेकर दायर सभी याचिकाएं खारिज कर दी. जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा की बेंच ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण देश में सब-कुछ नहीं रोका जा सकता है. कोर्ट ने तीखी टिप्पड़ी करते हुए कहा कि क्या देश में सब-कुछ रोक दिया जाए? और बच्चों के एक कीमती साल को यूं ही बर्बाद हो जाने दिया जाए?
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जेईई-नीट परीक्षा कराने के खिलाफ पूरा विपक्ष एकजुट हो गया. कांग्रेस नेता राहुल गांधी से लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, बिहार में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए परीक्षाएं रद्द करने की मांग की. कई नेताओं ने इस बाबत पीएम मोदी को पत्र भी लिखा.
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नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने साफ कर दिया है कि किसी भी सूरत में परीक्षा को और नहीं टाला जा सकता. नीट और जेईई मेन परीक्षा अपने तय समय पर ही होगी. जेईई और नीट परीक्षाओं के लिए कल देर रात केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राज्यवार सेंटरर्स की लिस्ट जारी कर दी है. शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी लिस्ट में जेईई परीक्षा के सेंटर्स 570 से बढ़ाकर 660 कर दिए हैं. जबकि नीट परीक्षा के सेंटर्स 2846 से बढ़ाकर 3843 कर दिए गए हैं.
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, जेईई मेन परीक्षा के लिए नंबर ऑफ शिफ्ट्स भी बढ़ा दी गईं हैं. पहले परीक्षा के लिए आठ शिफ्ट तय थीं जो अब बढ़ाकर बारह कर दी गई हैं. यही नहीं प्रति शिफ्ट कैंडिडेट्स की संख्या घटाकर 1.32 लाख से 85,000 कर दी गई है.
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जेईई मेन परीक्षा का एडमिट कार्ड रिलीज हो चुका है. संभावना है कि नीट 2020 परीक्षा का एडमिट कार्ड भी इसी हफ्ते रिलीज हो जाएगा. एनटीए ने एडमिट कार्ड रिलीज होने के साथ ही यह भी कहा है कि तकरीबन 99 फीसदी कैंडिडेट्स को उनका चुना हुआ टेस्ट सेंटर दिया गया है. यही नहीं परीक्षा के दौरान सभी सेफ्टी मेजर्स भी फॉलो किए जाएंगे. एनटीए ने कहा, ‘‘सामाजिक दूरी का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए जेईई-मुख्य परीक्षा में छात्रों को परीक्षा कक्ष में एक सीट छोड़कर बैठाया जाएगा जबकि नीट परीक्षा में एक कमरे में छात्रों की संख्या 24 से घटाकर 12 कर दी गई है.’’
जेईई परीक्षा एक से 6 सितंबर के बीच होगी और नीट की परीक्षा 13 सितंबर को कराई जाएगी. इस साल जेईई-मुख्य परीक्षा के लिए 9.53 लाख विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया है जबकि नीट के लिए 15.97 लाख विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया है.
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