DRDO पिछले 35 दिनों में दसवीं मिसाइल का होगा परीक्षण
नई दिल्ली (एजेंसी). DRDO : रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) अगले हफ्ते की शुरुआत में 800 किलोमीटर रेंज की निर्भय सब-सोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण करेगा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सेना और नौसेना में शामिल करने की औपचारिक शुरुआत से पहले रॉकेट बूस्टर मिसाइल को अंतिम रूप दिया जा रहा है। पिछले 35 दिनों में भारत के प्रमुख रक्षा अनुसंधान संगठन द्वारा यह दसवीं मिसाइल परीक्षण होगी।
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DRDO ने ‘मेड इन इंडिया’ की रणनीति के तहत परमाणु और पारंपरिक मिसाइलों के विकास को तेजी से उत्पादन करने का प्रयास किया है। डीआरडीओ ने करीब एक महीने में हर चौथे दिन में एक मिसाइल दागी है, जो वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से पीछे हटने के लिए चीन के इनकार की पृष्ठभूमि के खिलाफ डीआरडीओ की तैयारी को दर्शाता है।
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क्या हैं क्षमता ‘निर्भय’ मिसाइल की
यह मिसाइल एक हजार किलोमीटर दूरी तक मार करने में सक्षम है। यह बिना भटके अपने निशाने पर अचूक वार करती है। यह दो चरणों वाली मिसाइल है। पहली बार में लंबवत और दूसरे चरण में क्षैतिज। यह पहले पारंपरिक रॉकेट की तरह सीधा आकाश में जाती है और फिर दूसरे चरण में क्षैतिज उड़ान भरने के लिए 90 डिग्री का मोड़ लेती है। इस तरह यह अपने लक्ष्य को निशाना बनाती है।
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निर्भय मिसाइल को डीआरडीओ ने पूर्णतया अपने दम पर बनाया है। इस मिसाइल में धीमी गति से आगे बढ़ने, बेहतरीन नियंत्रण एवं दिशा-निर्देशन, सटीक परिणाम देने तथा राडारों से बच निकलने की क्षमता है। यह सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल एडवांस्ड सिस्टम लैबोरेटरी (एएसएल) द्वारा विकसित की गई है। यह मिसाइल ठोस रॉकेट मोटर बूस्टर से सुसज्जित है। इसमें टबरे-फैन इंजन लगा है जो इसे आगे बढ़ाता है।
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भारत ने इसी महीने पांच अक्तूबर को ओडिशा अपतटीय क्षेत्र स्थित एक परीक्षण केंद्र से देश में विकसित ‘सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो’ (स्मार्ट) प्रणाली का सफल प्रायोगिक परीक्षण किया। ‘स्मार्ट’ प्रणाली पनडुब्बी विध्वंसक अभियानों के लिए हल्के वजन की टॉरपीडो प्रणाली है। आधिकारिक बयान में कहा गया कि परीक्षण और प्रदर्शन पनडुब्बी रोधी क्षमता स्थापित करने में काफी महत्वपूर्ण है।
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भारत ने शुक्रवार (नौ अक्तूबर) को भारतीय वायु सेना के एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान से नई पीढ़ी की एक विकिरण रोधी मिसाइल का सफल परीक्षण किया जो लंबी दूरी से विविध प्रकार के शत्रु रडारों, वायु रक्षा प्रणालियों और संचार नेटवर्कों को ध्वस्त कर सकती है। अधिकारियों ने कहा कि मिसाइल रुद्रम-1, भारत की पहली स्वदेश निर्मित विकिरण रोधी शस्त्र प्रणाली है।
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