नई दिल्ली (एजेंसी)। दुनियाभर में उभरते म्यूजिक स्ट्रीमिंग एप के चलते दिग्गज कंपनी एपल के म्यूजिक एप आईट्यून्स के लिए मुश्किलें गहरा गई हैं। एक तरफ ज्यादा कीमत पर अपनी सर्विस मुहैया कराने वाले आईट्यून्स एप को खुद एपल के कस्टमर ही पसंद नहीं करते हैं। इसके विकल्प में कस्टमर दूसरे म्यूजिक स्ट्रीमिंग एप के जरिए सॉन्ग्स को सुनना पसंद करते हैं। वहीं एशिया और खास कर भारत में स्पॉटीफाई एप के लॉन्च होने से आईट्यून्स से लोगों का मोहभंग ज्यादा नजर आ रहा है। म्यूजिक स्ट्रीमिंग इंडस्ट्री में कई ग्लोबल कंपनियों के आने से इसके और ज्यादा व्यापक होने के बाद एपल ने आखिरकार अपनी तीन मॉडर्न स्टैंडअलोन म्यूजिक सर्विस के साथ आईट्यून को सिलसिलेवार तरीके से हटाने की घोषणा कर दी।
बता दें एपल ने आईट्यून्स के इंस्टाग्राम और फेसबुक पेजों से सभी तस्वीरें, पोस्ट और वीडियोज हटा दिए हैं, जिससे अटकलें लग रही हैं कि एपल की म्यूजिक स्ट्रीमिंग सेवा अब कुछ ही दिनों की मेहमान है। द वर्ज की रिपोर्ट में मैकरूमर्स के हवाले से कहा गया है कि एपल ने अपने आईट्यून्स अकाउंट का फेसबुक और इंस्टाग्राम पर एपल टीवी सर्विस के साथ मर्ज कर दिया है।
आईट्यून्स का ट्विटर अकाउंट 13.5 लाख फॉलोवर्स के साथ अभी भी काम कर रहा है, लेकिन 23 मई के बाद से इस पर कोई पोस्ट नहीं किया गया है। द वर्ज ने कहा कि इससे पहले अप्रैल में, मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि आईफोन-निर्माता मैक ओएस के अगले वर्जन के साथ आईट्यून्स एप को म्यूजिक, पॉडकास्ट्स और टीवी के लिए अलग-अलग एप में बांटने पर विचार कर रहे हैं।
एपल ने सोमवार को मैकओएस कैटालिना पेश किया, जो दुनिया के सबसे उन्नत डेस्कटॉप ऑपरेटिंग सिस्टम का नवीनतम संस्करण है। इसमें नए फीचर्स, ताजातरीन नए एप्स और डेवलपर्स के लिए शक्तिशाली नई तकनीक है।
कंपनी ने अपने डेवलपर्स के सम्मेलन डब्ल्यूडब्ल्यूडीसी 2019 में कहा, “मैकओएस कैटालिना के साथ एपल अपने एपल म्यूजिक, एपल पोडकास्ट और एपल टीवी एप जैसे लोकप्रिय एप्स से आईट्यून्स को बदल रहा है।” मैकओएस कैटालिना इन तीन आधुनिक एप्स से आईट्यून्स को बदल रहा है, जो मैक यूजर्स को उनके पसंदीदा संगीत, टीवी शो, मूवी और पोडकास्ट को तलाशने और उसका आनंद लेने के तरीके को सरल करता है और सुधारता है।
आईट्यून्स को औपचारिक रूप से 2001 में लांच किया गया था और दो साल बाद इसका म्यूजिक स्टोर लांच किया गया। कंपनी ने एक बयान में कहा कि एपल म्यूजिक यूजर्स को लगभग पांच करोड़ गानों, प्लेलिस्ट और म्यूजिक वीडियोज उपलब्ध कराता है।