नई दिल्ली (एजेंसी)। कर्नाटक में पिछले कई दिनों से जारी सियासी खेल आज खत्म हो जाएगा। कुमारस्वामी आज विधानसभा में बहुमत परीक्षण साबित करने उतरेंगे। सुबह ग्यारह बजे विधानसभा की कार्यवाही शुरू होगी। कुमारस्वामी सरकार का खतरा सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद और ज्यादा बढ़ चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पार्टी की तरफ से जो व्हिप जारी किया गया है वो बागी विधायकों पर लागू नहीं होगा।
सुप्रीम कोर्ट के मतलब बागी विधायक फ्लोर टेस्ट के दौरान मौजूद रहें या ना रहें ये उनकी मर्जी पर निर्भर करेगा। अगर स्पीकर बागियों का इस्तीफा मंजूर कर लेते हैं तो विधानसभा में कुल 209 सदस्य रह जाएंगे। ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 105 होगा लेकिन कांग्रेस-जेडीएस के पास सिर्फ 102 विधायक बचेंगे। जबकि बीजेपी के पास 105 अपने और 2 निर्दलीयों के साथ 107 विधायक होंगे और अगर बागी विधायक शक्ति परीक्षण में शामिल नहीं होते हैं तब भी यही स्थिति होगी।
बागी विधाक बी सी पाटिल ने कहा है कि हम सब एक साथ हैं और हम कल विधानसभा में नहीं जाएंगे। अब कुमारस्वामी पर निर्भर करता है कि वो फ्लोर टेस्ट के बाद फज़ीहत करवाते हैं या फिर पहले ही इस्तीफा दे देते हैं क्योंकि बागी विधायक पाला बदलने के मूड में बिल्कुल नहीं हैं।
कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा फैसले से खुश हैं। उन्होंने कहा कि यह बागी विधायकों के लिए एक नैतिक जीत है। उन्होंने कहा, “मैं सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करता हूं। यह संविधान और लोकतंत्र की एक जीत है। यह बागी विधायकों की नैतिक जीत है।”
वहीं कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के ओदश को एक खराब फैसला बताते हुए कहा कि यह दलबदलू विधायकों को संरक्षण प्रदान करने वाला और खरीद फरोख्त को बढ़ावा देने वाला प्रतीत होता है। विधानसभाध्यक्ष के साथ मुलाकात के बाद वरिष्ठ मंत्री कृष्णा बाइरेगौड़ा ने कहा कि शीर्ष अदालत ने कहा है कि सत्र में शामिल होना या नहीं होना विधायकों पर है, यद्यपि विधानसभा के नियम कहते हैं कि विधायकों को अपनी अनुपस्थिति के लिए अनुमति लेनी होगा। उन्होंने कहा, “हमने विधानसभाध्यक्ष से पूछा है कि क्या यह छूट दी गई है।”