कर्नाटक की सियासत अब सुप्रीम कोर्ट पहुंची, बागी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ याचिका दायर की

नई दिल्ली (एजेंसी)। कर्नाटक सियासी संकट का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। कांग्रेस और जेडीएस के 10 बागी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ याचिका दाखिल की है। मामले की सुनवाई के दौरान बागी विधायकों की तरफ से वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि स्पीकर अपने दायित्य का पालन नहीं कर रहे हैं। कर्नाटक में अजीब परिस्थिति है। विधायकों को जनता के बीच दोबारा जाना भी है। कल होगी कोर्ट में सुनवाई।

दूसरी ओर कांग्रेस ने बेंगलुरु में मंगलवार को पार्टी के उन 10 बागी विधायकों में से नौ को अयोग्य घोषित करने की मांग की। इन विधायकों ने कर्नाटक विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया ने कहा, “हमने अध्यक्ष के. आर. रमेश कुमार को दलबदल विरोधी कानून के तहत 9 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए आवेदन दिया है।”

हालांकि, पार्टी ने वरिष्ठ विधायक रामलिंगा रेड्डी को अयोग्य घोषित नहीं किया है, इसलिए उम्मीद है कि वह जल्द ही अपना इस्तीफा वापस ले लेंगे। जेडीएस के तीन विधायकों सहित 13 बागियों में से 12 ने 6 जुलाई को इस्तीफा दे दिया था, जबकि कांग्रेस विधायक आनंद सिंह ने 1 जुलाई को इस्तीफा दिया। सिद्धारमैया ने राज्य सचिवालय में दो घंटे की लंबी बैठक के बाद कहा, “हम बागियों से आग्रह करते हैं कि वे अपना इस्तीफा वापस लें और पार्टी में रहें।”

सभी बागी पहले से सूचित किए जाने के बावजूद विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। इसके बाद सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि वे प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी की ओर से दी गई लालच में फंसे हुए हैं और उन्हें पैसे के साथ मंत्री पद की पेशकश की गई है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि उनकी वापसी होगी। सिद्धारमैया ने कहा कि पार्टी 12 जुलाई से विधानसभा के 10 दिवसीय मानसून सत्र में भाग लेने के लिए गुरुवार को उन्हें व्हिप जारी करेगी और 2019-20 के लिए पेश होने वाले बजट में वह शामिल रहेंगे।

सिद्धारमैया ने कहा, “बीजेपी हमारी सरकार को उखाड़ फेंकने और सत्ता में लौटने के लिए एक साल में 5 बार कोशिश कर विफल रही और यह छठी बार फिर से विफल हो जाएगी। हमारे अधिकांश विधायक पार्टी के प्रति वफादार हैं और वे धोखा नहीं देंगे।” अध्यक्ष ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि वह गुरुवार को कांग्रेस के आवेदनों पर गौर करेंगे और बागियों की दलीलें सुनवाई के बाद उन पर फैसला करेंगे। उन्होंने जेडीएस के बागियों को 12, 15 और 21 जुलाई को तीन खेप में मिलने के लिए बुलाया है।

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