नई दिल्ली (एजेंसी)। लोकसभा चुनाव 2019 के परणिाम आने के बाद हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने धर्म से जुड़े राजनीतिक दलों के नामों को लेकर लगाई गई याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्वाचन आयोग को कहा है कि अगर ऐसे राजनीतिक दल या अन्य दल तीन महीने के भीतर नाम परिवर्तन नहीं करते तो उनका पंजीयन रद्द कर दिया जाए। बता दें कि याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कांग्रेस के चुनाव चिन्ह का भी जिक्र किया है।
दरअसल भाजपा नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर करते हुए अपील की थी कि धर्मों से जुड़े नाम का इस्तेमाल करने या राष्ट्रीय ध्वज जैसे प्रतीकों का उपयोग उम्मीदवार की संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है और यह जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 1951 के तहत भ्रष्ट गतिविधि के समान है। धर्म, जाति, नस्ल और भाषाई अर्थ वाले राजनीतिक दलों की समीक्षा की जानी चाहिए और यह तय किया जाना चाहिए कि ऐसे झंडे या नाम का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं जो जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 1951 को प्रभावित करती है।
अश्विनी कुमार उपाध्याय ने अपनी याचिका में हिंदू सेना, ऑल इंडिया मज्लिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग का जिक्र किया है। अश्विनी ने अपनी याचिका में कांग्रेस सहित अन्य दलों का जिक्र करते हुए कहा है कि ये सभी लोग भारत के राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसा करना जनप्रतिनिधित्व कानून के विरुद्ध है।