नई दिल्ली (एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से समाजवादी पार्टी के टिकट पर नामांकन रद्द होने के बाद तेज बहादुर यादव ने चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। बीएसएफ के पूर्व जवान तेज बहादुर यादव पर जानकारी छिपाने के आरोप में कार्रवाई करते हुए निर्वाचन अधिकारी ने उनका नामांकन रद्द कर दिया था, उसी फैसले के खिलाफ तेज बहादुर यादव ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई है। तेज बहादुर की तरफ से वकील प्रशांत भूषण ये केस लड़ेंगे।
तेज बहादुर यादव ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में सेवा देते हुए वहां के खाने पर सवाल उठाए थे और सेना की व्यवस्था को सार्वजनिक तौर पर चुनौती दी थी। तेज बहादुर का यह खुलासा पूरे देश में चर्चा का विषय बना और मामला कोर्ट तक पहुंचा। अंतत: तेज बहादुर को बीएसएफ से बर्खास्त कर दिया गया।
बीएसएफ से बर्खास्तगी का कारण छिपाना ही तेज बहादुर यादव की उम्मीदवारी पर भारी पड़ गया। दरअसल, तेज बहादुर ने पहले वाराणसी सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर पीएम मोदी के खिलाफ नामांकन किया था और हलफनामे में बताया था कि उन पर भ्रष्टाचार के आरोप के चलते बीएसएफ से निकाला गया। इसके बाद समाजवादी पार्टी ने बड़ा फैसला लिया और वाराणसी से अपनी प्रत्याशी शालिनी यादव का नाम वापस लेकर तेज बहादुर को प्रत्याशी बना दिया। तेज बहादुर ने दोबारा नामांकन किया और इस बार जो हलफनामा वाराणसी निर्वाचन अधिकारी को दिया उसमें बीएसएफ से निकाले जाने की जानकारी नहीं दी।