नई दिल्ली (एजेंसी)। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 40 जवानों की जान लेने वाला जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मौलाना मसूद अजहर अब ग्लोबल आतंकी घोषित हो गया है। भारत की ओर से पिछले काफी लंबे समय से इसकी कोशिश की जा रही थी, लेकिन अब जाकर ये कूटनीतिक जीत मिली। अमेरिका, फ्रांस और यूके के संयुक्त प्रस्ताव और चीन के अपने वीटो वापस लेने के साथ ही संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद ने मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित किया।
एक दशक के प्रयासों के बाद मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने वैश्विक आतंकी घोषित किया। खास बात है कि भारत ने मसूद अजहर को जिस पुलवामा आतंकी हमले के बाद वैश्विक आतंकी घोषित कराने की पुरजोर कोशिश की, उसका यूएन की वेबसाइट पर जिक्र नहीं है।
इस फैसले के बाद एक बार फिर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान अपनी ही वाहवाही में जुट गया है। इस फैसले के साथ ही वहां की सरकार और मीडिया दोनों ही इसे अपनी जीत बताने में जुट गई हैं और भारत पर निशाना भी साध रही हैं।
हर मौके पर मसूद अजहर को बचाने वाला पाकिस्तान UN के फैसले को भारत की जीत नहीं मान रहा है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने भी इस फैसले के बाद कहा कि हमारी सरकार पूरी तरह से प्रतिबंधों को लागू करेगी। उन्होंने कहा कि इस केस को भी अन्य UN के केस की तरह ही हैंडल किया जाएगा।
प्रवक्ता मोहम्मद फैसल बोले कि इसके तहत हम मसूद के विदेश ट्रैवल पर रोक लगाएंगे और उनकी संपत्ति भी जब्त करेंगे। उन्होंने कहा कि दुनिया के लिए आतंकवाद एक बड़ा मसला है, जिसमें भारत के द्वारा कश्मीर में किया जा रहा जुल्म भी शामिल है। उन्होंने कहा कि हम इस फैसले पर इससे पहले विरोध इसलिए कर रहे थे क्योंकि इसका राजनीतिकरण किया जा रहा था।
आपको बता दें कि एक तरफ अपनी शर्तों की दुहाई दे रहा पाकिस्तान बालाकोट में हुई एयरस्ट्राइक के बाद से ही दुनिया के दबाव में है। यही कारण है कि उसने बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद से ही मसूद अजहर को नजरबंद किया हुआ है।