नई दिल्ली (एजेंसी)। आर्थिक संकट के सबसे बुरे दौर से गुजर रही जेट एयरवेज के प्रमोटर और मालिक नरेश गोयल ने चेयरमैन पद और कंपनी बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है। नरेश गोयल का यह कदम कंपनी के दिवालियापन घोषित होने से बचाने के लिए माना जा रहा है। वहीं नरेश गोयल की पत्नी अनिता गोयल ने भी बोर्ड से दूरी बना ली है। नरेश गोयल पर पिछले कई सालों से कंपनी के मुख्य प्रमोटर यूएई की एतिहाद एयरलाइंस और बैंकों का दबाव है।
25 साल पुरानी इस कंपनी को नरेश गोयल ने अपनी पत्नी के साथ 1993 में स्थापित किया था। जेट एयरवेज इस समय गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है। निवेशकों से लेकर कंपनी के पायलट तक अब इस कंपनी का साथ छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। जेट एयरवेज के पायलटों और इंजीनियर्स को पिछले तीन महीने से अब तक वेतन नहीं मिल पाया है।
बीते कुछ दिनों में जेट एयरवेज ने अपनी 40 से ज्यादा विमानों को खड़ा कर दिया। जेट एयरवेज पर कर्ज की बात करें तो 8,200 करोड़ रुपये का है और उसे मार्च अंत तक 1,700 करोड़ रुपये भुगतान करने हैं।
वहीं जेट एयरवेज को बैंकों से तत्काल 1,500 करोड़ रुपये तक का आर्थिक मदद मिलेगी। जेट एयरवेज के निदेशक मंडल में बैंक दो सदस्यों को नामित करेंगे और एयरलाइन के दैनिक परिचालन के लिये अंतरिम प्रबंधन समिति बनाई जाएगी।
नरेश गोयल के इस्तीफे की खबर के बीच कारोबार के दौरान जेट एयरवेज के शेयर में 17 फीसदी तक का इजाफा हुआ। कारोबार के दौरान जेट एयरवेज का शेयर प्राइस 266 रुपये तक पहुंच गया जबकि बाजार बंद होने पर कंपनी का शेयर 254.50 रुपये के भाव पर रहा। जेट एयरवेज के शेयर में इतनी बड़ी बढ़ोतरी करीब दो महीने पहले देखने को मिली थी। जेट एयरवेज के शेयर का 52 हफ्ते का उच्चतम 650.50 रुपये है जबकि न्यूनतम स्तर 163 रुपये है। वर्तमान में कंपनी की मार्केट कैप 2,891.05 करोड़ है।