शनि और मंगल बना रहे हैं योग, होलिका दहन आज
ज्योतिषाचार्य डॉ.दत्तात्रेय होस्केरे
होलिका दहन का मुहुर्त
फाल्गुन मास की पूर्णिमा को सायंकाल व्यापिनी माना जाता है। और बुधवार और गुरुवार दोनो ही दिन पूर्णिमा है। लेकिन बुधवार 20 तारीख को सायंकाल व्यापिनी पूर्णिमा है, लेकिन सायंकाल भद्रा युक्त है। मंगलवार 20 तारीख की भद्रा सिंह राशी की भद्रा है। शास्त्रों मे वर्णन है की सिंह राशी की भद्रा मृत्युलोक याने पृथ्वी लोक की होती है अत: इस भद्रा युक्त तिथि को होलिका दहन सर्वथा वर्जित होगा। रात्रि 9.34 के पश्चात भद्रा उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के द्वीतीय चरण में होगी जो की कन्या राशी में है,जहां भद्रा पाताल लोक में होती है| अत: रात्री ९.३४ के पश्चात होलिका दहन किया जा सकता है| वैसे तो होलिका दहन ९.३४ बजे रात्री के पश्चात किया जा सकता है लेकिन शास्त्रोक्त दहन वृश्चिक लग्न में रात्री 12.23 से 2.28 के मध्य किया जाए तो ज्यादा श्रेष्ठ होगा|
राशी के अनुसार कैसे करें पूजन
मेष : हनुमान चालिसा का पाठ कर होलिका के समक्ष धूप जला दें|
वृषभ : दूध और जल लेकर होलिका के चारों ओर चक्कर लगाएं और उसे ईशान कोण में डाल दें|
मिथुन : मेहन्दी को पानी में घोल कर होली की परिक्रमा करें और होलिका में डाल दें|
कर्क : शक्कर मिश्रित जल होलिका की परिक्रमा कर होली में डाल दें|
सिंह : ताँबे के तीन सिक्के होली में डाल दें| सुबह यदि एक सिक्का मिल जाये तो अपने पास सदैव रखें|
कन्या : बेल का रस लेकर होलिका की परिक्रमा करें| रस को अपने घर के दक्षिणी किनारे पर डाल दें|
तुला : सिंघाडे के आटे को पानी में घोल लें इसे लेकर होलिका के परिक्रमा करें| ईशान होण में डाल दें|
वृश्चिक : होलिका दहन के पश्चात स्नान कर हनुमान चालिसा के सात पाठ करें|
धनु : हल्दी युक्त दूध होलिका में डाल दें|
मकर : लोहे का एक टुकडा होलिका में डाल दें| यदि प्रात:काल मिल जाये तो उसका छल्ला बनवा कर मध्यिका में धारण कर लें|
कुम्भ : होलिका दहन के पश्चात स्नान कर पीपल के वृक्ष की परिक्रमा करें|
मीन : जल में हल्दी मिला कर होलिका की परिक्रमा करें| स्नान कर विष्णु भगवान के मंत्रों का जाप करें|अत: सूर्य प्रधान नक्षत्र में होलिका दहन करना अत्यंत लाभदायक होगा|
कैसे प्राप्त होगा होली की रात सब कुछ
1. धन में वृद्धि हेतु
ऊँ नमो धनदाय कुबेराय स्वाहा।
8 गोमती चक्र हाथ मे रखकर होली की रात इस मंत्र का जाप करने से धन में वृद्धि होती है।
2. रोग नाश हेतु
“ऊँ नमो भगवते रुद्राय मृतार्क मध्ये संस्थिताय मम शरीरं अमृतं कुरु कुरु स्वाहा”
इस मंत्र का होली की रात जाप करने से कैसा भी रोग हो नाश हो जाता है।
3. शीघ्र विवाह हेतु
होली के दिन सुबह एक साबूत पान पर साबूत सुपारी एवं हल्दी की गांठ शिवलिंग पर चढ़ाएं मुड कर देखे बगैर अपने घर आ जाएं यही प्रयोग अगले दिन भी करें। अतिशीघ्र विवाह हो जाता है।
4. बुद्धि होगी तेज, बाल होंगे काले
गोरखमुण्डी का पौधा लाकर उसको धोकर होली की रात उसका पूजन करें। शिव मंत्रों का जप भी करें। फिर उसको होली की अग्नि में सुखा दें तथा पांच दिन सूखने दे पंचमी के दिन उसको पीसकर चूर्ण बना लें। यह चूर्ण कई प्रयोग में आता है।सुबह शाम इस चूर्ण को शहद से चाटने पर स्मरण एवं भाषण शक्ति बढ़ती है।दूध के साथ इस चूर्ण का सेवन करने से शरीर स्वस्थ और बलिष्ठ होता है। इस चूर्ण के पानी से बाल धोने पर बाल लंबे और काले घने होते हैं। इस चूर्ण के तेल से शरीर की ऐंठन, जकड़न दूर होती है।
5. कर्ज से मुक्ति के लिये :
आठ काजल की डिब्बिय़ॉ को हल्दी और कुम्कुम लगाकर होली की रात को जलती होली की सात परिक्रमा कर होली मे डाल दे और घर आकर स्नान करलें। कर्ज से छुटकारा मिलेगा।