मोदी और सर्जिकल स्ट्राईक के सहारे क्या छत्तीसगढ़ में पार लगेगी भाजपा की नैया

लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चूका हैं. भाजपा, कांग्रेस सहित क्षेत्रीय दलों के अपने-अपने दावें हैं. कौन जीतेगा सत्ता का संग्राम 2019 ? यह तो कहा जाना मुश्किल हैं. लेकिन दावों के आधार और प्रत्याशियों के चयन को लेकर चल रही उठापठक पर छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार शंकर पांडे की प्रदेश की 11 लोकसभा सीटों पर विशेष रिपोर्ट   


शंकर पांडे

आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशी चयन का दौर शुरू हो गया है। केंद्र में सत्ता में काबिज मोदी की सरकार छग में पिछले तीन लोकसभा चुनाव के परिणाम फिर प्राप्त करने की जुगत में है तो हाल ही में राज्य में अपार जनसमर्थन लेकर 15 साल बाद सत्ता में काबिज भूपेश बघेल सरकार उत्साहित है और सभी 11 लोकसभा सीटों पर विजयी होने का दावा कर रही है। कांग्रेस ने अपने 5 प्रत्याशियों की घोषणा भी कर दी हैं. हालांकि पिछले 3 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस केवल एक-एक सीट पर ही विजयी रही थी और भाजपा 10-10 सीटों पर अपनी जीत दर्ज करती रही है। यह बात और है कि कांग्रेस की टिकट पर जीतने वाले अजीत जोगी अभी कांग्रेस से बाहर है तो डॉ. चरणदास महंत विधानसभा अध्यक्ष है तो ताम्रध्वज साहू राज्य सरकार में मंत्री है।

छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों में 11 लोकसभा क्षेत्र है। सभी लोकसभा क्षेत्रों में 8-8 विधानसभा क्षेत्र शामिल है केवल रायपुर-दुर्ग लोकसभा क्षेत्र में 9-9 विधानसभा क्षेत्र शामिल है। छत्तीसगढ़ में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में 68 सीटों पर जीत दर्ज कर कांग्रेस ने रिकार्ड बनाया है तो मात्र 15 सीटों पर ही भाजपा को संतोष करना पड़ा वही जोगी कांग्रेस -बसपा गठबंधन ने 7 सीटों पर जीत दर्ज की है। यदि विधानसभा चुनाव की तर्ज पर ही जनता ने मतदान किया तो कांग्रेस के खाते में 8-9 तथा भाजपा के खाते में 2 लोकसभा क्षेत्र आ सकते हैं वहीं जोगी बसपा गठबंधन भी खाता खोल सकती है पर विधानसभा-लोकसभा में मतदान के मुद्दे अलग अलग होते हैं। हालांकि अपने वादे (जुमले) पूरे नहीं करने के कारण मोदी सरकार की 2014 के लोकसभा के समय की स्थिति तो नहीं है पर ‘सर्जिकल स्ट्राईक तथा राष्ट्रवाद के नाम पर भाजपा उत्साहित है पर छग में उसका कितना असर होगा यह कहा नहीं जा सकता है। जिस तरह 15 साल तक प्रदेश में मुख्यमंत्री रहने का रिकार्ड बनाने वाले डॉ. रमन सिंह लोस चुनाव लडऩे से बच रहे हैं और नेता प्रतिपक्ष तथा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के पद पर पिटे मोहरों पर भाजपा ने दांव लगाया है उसका परिणाम 23 मई को लोस चुनाव की मतगणना के बाद दिख ही जाएगा। केवल एक जनाधार वाले तथा अजातशत्रु विधायक बृजमोहन अग्रवाल के पर काटने बतौर विधानसभा अध्यक्ष चुनाव लड़कर पराजित होने वाले, बतौर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष 15 सीटों पर भाजपा को पहुंचाने वाले धर्मलाल कौशिक को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया वहीं बतौर लोकसभा सदस्य, विधानसभा चुनाव में स्वयं पराजित तथा लोकसभा की सभी 8 विधानसभा में भाजपा प्रत्याशियों की पराजय का श्रेय मिलने पर भी विक्रम उसेंडी को भाजपा अध्यक्ष बनाया गया है उसका अच्छा संदेश भाजपा कार्यकर्ताओं में नहीं गया है यह तो तय है।

बहरहाल छत्तीसगढ़ में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में लोकसभा वार परिणाम देखने से तो ही लगता है कि सभी 11 लोकसभा क्षेत्रों में कांग्रेस भारी पड़ी है यदि विधानसभा वार ही लोकसभा चुनाव में मतदान छत्तीसगढ़ के मतदाताओं ने किया तो भाजपा की हालत काफी खराब हो सकती है।

हालात बयां कर रहे हैं कि हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों के परिणाम के अनुसार रायपुर लोकसभा क्षेत्र में जहां देश के भाजपा के वरिष्ठ सांसद रमेश बैस जीतते रहे हैं वहां 91862 मतों की लीड कांग्रेस को है तो मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के पुत्र राजनांदगांव के सांसद, अभिषेक सिंह के क्षेत्र में कांग्रेस-भाजपा के बीच 1 लाख 53 हजार 49 मतों का अंतर है तो हाल ही प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बने कांकेर के सांसद विक्रम उसेंडी के क्षेत्र में कांग्रेस की लीड 2 लाख 38 हजार 304 मतों की है। वहीं दुर्ग लोस से 1,81,992, महासमुंद लोस से 1,09,245, बिलासपुर लोस 77,676, कोरबा लोस 55772, रायगढ़ लोस (भाजपा के सांसद जो मोदी सरकार में राज्यमंत्री है) से विष्णुदेव साय 2 लाख 2 हजार 759 मतों से विस चुनाव परिणाम में पीछे हैं। जांजगीर चांपा लोस से 94,732, सरगुजा लोस से 2,27,958 तथा बस्तर लोकसभा क्षेत्र से 1,09,245 मतों से कांग्रेस की लीड है।
प्रदेश में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार बनने के बाद किसानों की कर्ज माफी, धान पर बोनस, बिजली बिल हाफ करने सहित रोजगार के अवसर प्रदान करने सहित कुछ बड़े कदम उठाये गये हैं वहीं बस्तर में टाटा संयंत्र नहीं लगने पर अधिग्रहित जमीन की वापसी तथा नरवा, गरुवा, घुरवा और बाड़ी के संदर्भ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ब्रिटेन की संसद सम्मानित करने जा रही है। इसका भी लाभ कांग्रेस को आगामी लोकसभा चुनाव में मिल सकता है। उसके मुकाबले केवल मोदी के नाम पर सर्जिकल स्ट्राईक के बूते पर 11 लोकसभा सीटें जीतने का दावा भाजपा नेता कैसे कर रहे हैं इसका कोई आधार तो नहीं दिख रहा है…।

Related Articles