नई दिल्ली, एजेंसी। पूर्व कांग्रेस नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा का मुकाबला करने के लिए अभी विपक्ष को बहुत कुछ करने की जरूरत है। सिद्दरमैया के शपथ ग्रहण में विपक्ष की एकता को देखते हुए कपिल सिब्बल ने एक ट्वीट किया। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या विपक्षी एकता का केवल यही संकेत है कि बड़ी संख्या में विपक्ष के नेता मौजूद रहे।
कपिल सिब्बल ने किया ट्वीट
पूर्व केंद्रीय मंत्री सिब्बल ने अपना प्वाइंट ऑफ व्यू रखते हुए कहा कि विपक्षी एकता के लिए इस तरह के मेगा शो से ज्यादा कई और चीजों की भी जरूरत है। एक सामान्य एजेंडा को लेकर बात करना और पक्षपातपूर्ण हितों का बलिदान विपक्ष की एकता के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है।
सिद्दरमैया के शपथ ग्रहण को लेकर की टिप्पणी
सिद्दरमैया के शपथ ग्रहण समारोह में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री येजस्वी यादव, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई महासचिव डी राजा, अभिनेता-राजनेता कमल हासन शामिल हुए थे।
इस दौरान सभी नेताओं ने हाथ पकड़कर कैमरे के सामने पोज देकर यह संदेश दिया कि विपक्ष एकजुट है। इस समारोह में कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी शामिल हुए थे।
शपथ समारोह में नहीं शामिल हुए ये
हालांकि, कांग्रेस ने AAP, BSP, BRS, YSR कांग्रेस और BJD को इस कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया था। तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी को आमंत्रित किया गया था लेकिन उन्होंने सांसद काकोली घोष दस्तीदार को कार्यक्रम में भेजा। यह निमंत्रण हाल की घटनाओं और संसद सत्र के दौरान हुई विपक्षी बैठकों पर आधारित थे।
पुरी-हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के उद्घाटन समारोह में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की टिप्पणी ने अटकलों को तेज कर दिया है कि पटनायक चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी 2024 के बाद पीएम बने रहें।
भाजपा से मुकाबले के लिए विपक्षी हुए एकजुट
2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को टक्कर देने के लिए विपक्षी एकजुट होने की कोशिशें कर रहे हैं। इसकी एक झलक कर्नाटक में 20 मई को सिद्दरमैया के शपथ ग्रहम समारोह के दौरान देखने को मिली। कांग्रेस ने शपथ ग्रहण के बाद मंच पर विपक्षी एकता का प्रदर्शन भी किया।