बेंगलुरू: आय से अधिक संपत्ति मामले में कर्नाटक के कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार के 14 ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी कर रही है. भ्रष्टाचार मामले में तलाशी के दौरान 50 लाख रुपये बरामद किए गए हैं. यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के एक कथित मामले में की गई. अधिकारियों के मुताबिक, एजेंसी ने एक सूत्र से मिली जानकारी के आधार पर कांग्रेस नेता के खिलाफ नया मामला दर्ज किया है. सीबीआई की टीमों ने मामला दर्ज होने के बाद सोमवार सुबह 14 स्थानों पर तलाशी शुरू की जिनमें 9 कर्नाटक में, 4 दिल्ली में और 1 मुंबई में हैं.
सीबीआई ने सोमवार को सुबह लगभग 6 बजे छापेमारी शुरू की और जैसे ही यह खबर फैली, बड़ी संख्या में समर्थकों का जमावड़ा उनके घर के बाहर लगना शुरू हो गया. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इसे भाजपा सरकार के ‘छापा राज’ और ‘कुटिल कदम’ की संज्ञा दी. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मोदी-येदियुरप्पा के डराने धमकाने और कुचक्र के कपटपूर्ण खेल को कठपुतली सीबीआई द्वारा डी के शिवकुमार के परिसरों पर छापे मारकर अंजाम दिया जा रहा है, जिससे हम डरने वाले नहीं हैं. सीबीआई को येदियुरप्पा सरकार में भ्रष्टाचार की परतों को उजागर करना चाहिए. लेकिन ‘छापा राज’ ही उनका एकमात्र ‘कुटिल कदम’ है.’’
सुरजेवाला ने ट्वीट कर आरोप लगाया, “‘मोदी और येदियुरप्पा की सरकारें और सीबीआई-प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग जैसी भाजपा की सहयोगी संस्थाएं जानती हैं कि कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता ऐसे कपटपूर्ण प्रयासों के सामने न तो हतोत्साहित होंगे और ना ही झुकेंगे. जनता के लिए हमारी लड़ाई और भाजपा के कुशासन का पर्दाफाश करने का हमारा संकल्प और मजबूत ही होगा.”
इसके पहले ईडी ने डीके शिवकुमार को गिरफ्तार किया था. मनी लॉन्ड्रिंग के डीके शिवकुमार को तीन सितंबर को ईडी ने गिरफ्तार किया था. शिवकुमार ज्यूडिशियल कस्टडी के तहत तिहाड़ जेल भी गए थे. हालांकि पिछले साल अक्टूबर में शिवकुमार को दिल्ली हाई कोर्ट ने 25 लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत पर रिहा कर दिया था.
साल 2017 में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने डीके शिवकुमार के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. दिल्ली में उनके करीबी के ठिकाने से करीब आठ करोड़ रुपये नकद भी मिले थे. इसके बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने चार्जशीट दायर की. इस चार्जशीट के आधार पर ईडी ने शिवकुमार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया. इसके बाद शिवकुमार कोर्ट पहुंचे. तब कोर्ट से उन्हें राहत मिल गई थी. लेकिन कोर्ट से हार के बाद ईडी ने उन्हें बेंगलुरू से दिल्ली पूछताछ के लिए बुलाया और इसी दौरान ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था.