पाकिस्तानी समझ कर कराची बेकरी पर लोगों का गुस्सा फूटा

बेंगलुरु (एजेंसी)। पुलवामा अटैक के बाद जहां कई जगहों पर कश्मीरियों के ऊपर अटैक होने की खबर आ चुकी है, अब कराची बेकरी नाम की दुकान को भी विरोध झेलना पड़ा है। शुक्रवार रात कुछ लोगों ने कराची बेकरी को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया। पुलिस ने कहा है कि देर रात उन्हें फोन पर घटना के बारे में जानकारी दी गई।

लोगों ने दुकान के नाम को लेकर विरोध किया। इसके बाद मजबूरी में दुकान के नाम को ढकना पड़ा। कराची शब्द के ऊपर कवर लगा दिया गया है। यह दुकान काफी पुरानी है।

पुलवामा में सीआरपीएफ के ऊपर हुए हमले के बाद से ही देशभर में गुस्सा है और विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद ने अटैक की जिम्मेदारी ली थी।

पुलिस ने कहा है कि कराची बेकरी को लेकर हुए विरोध-प्रदर्शन के दौरान प्रॉपर्टी के नुकसान की खबर नहीं है। विरोध कर रहे लोगों को लगा कि कराची बेकरी एक पाकिस्तानी दुकान है।

बता दें की कराची बेकरी हैदराबाद की लोकप्रिय बेकरियों में से एक है। इसकी स्थापना श्री खानचंद रामनानी जी ने की थी, जो सिंधी प्रवासी थे, जिन्होंने भारत के विभाजन के दौरान 1947 में कराची छोड़ कर हैदराबाद आ गए थे। 1953 में रामनानी ने मोअज़्ज़म जही मार्केट में हैदराबाद की पहली कराची बेकरी खोली थी। यह बेकरी हैदराबाद के साथ बेंगलुरु, दिल्ली, मुंबई व हरयाणा में भी उपलब्ध है।

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