जयपुर: राजस्थान के सियासी संग्राम के बीच सीएम अशोक गहलोत ने सचिन पायलट की वापसी को लेकर अपनी बात रखी है. सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र बचाने के लिए सब सहना पड़ता है. सचिन पायलट ने कहा कि मैं तो कहीं गया ही नहीं था घर वापसी का सवाल ही नहीं उठता.
अशोक गहलोत ने कहा कि जो ऐपिसोड हुआ है एक प्रकार से भूलो और माफ करो की स्थिति में रहें, सब मिलकर चलें क्योंकि प्रदेशवासियों ने विश्वास करके हमारी सरकार बनाई थी. हमारी सबकी ज़िम्मेदारी उस विश्वास को बनाए रखने और प्रदेश की सेवा करने की बनती है. उन्होंने कहा कि हम सब आपस में मिलकर काम करेंगे, जो हमारे साथी चले गए थे वो भी वापस आ गए हैं. मुझे उम्मीद है कि सब गिले-शिकवे दूर करके सब मिलकर प्रदेश की सेवा करने का संकल्प पूरा करेंगे.
अपने बगावती व्यवहार से राज्य की राजनीति में घमासान मचाने के बीच लगभग एक महीने बाद जयपुर लौटे पायलट ने उम्मीद जताई कि पार्टी आलाकमान द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति जल्द ही अपना काम शुरू करेगी.
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने पार्टी से किसी पद की मांग नहीं की है लेकिन वह चाहते हैं कि उनके साथ आवाज उठाने वाले विधायकों के खिलाफ कोई द्वेषपूर्ण कार्रवाई नहीं हो.
पायलट ने कहा, ‘‘ मैंने पार्टी से किसी पद की कोई मांग नहीं की… मैंने पार्टी को इतना कहा कि हमारे विधायकों ने जो बात उठाई है उनके खिलाफ द्वेष की भावना से कार्रवाई ना की जाये. उनके प्रति द्वेषपूर्ण राजनीति नहीं होनी चाहिए और यह सुनिश्चित किया गया है. कल प्रियंका गांधी ने कहा कि हम सब परिवार के सदस्य हैं.’’
पायलट ने कहा, ‘‘ हमारी निष्ठा पर जो शक करने वाले लोग हैं, उनको आज हकीकत का सामना करना पड़ेगा. राजस्थान की जनता के लिए हमारी प्रतिबद्धता सौ प्रतिशत है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मतभेद वैचारिक हो सकता है, कार्यशैली का हो सकता है, सोच का हो सकता है लेकिन राजनीति में व्यक्तिगत द्वेष, व्यक्तिगत दुर्भावना, व्यक्तिगत टकराव.. इसकी कोई जगह नहीं होती. मेरा सब नेताओं के साथ अच्छे संबंध थे..हैं और रहेंगे.’’
पायलट ने कहा, ‘‘प्रदेश सरकार के हित में जो बातें मैंने पहले बोली हैं, उस पर संज्ञान लिया गया और जब जब मुझे लगेगा, मैं अपनी बात रखूंगा.”