तमिलनाडु (एजेंसी) तमिलनाडु में बीते कुछ दिनों के दौरान जिस तरह का एक छापा आयकर अधिकारियों ने एक साथ तीन कंपनियों पर डाला है उसकी कहानी किसी दक्षिण भारतीय फिल्म में आपको देखने को मिली होगी। लेकिन यहां पर जो हुआ वो फिल्म की कहानी न होकर के सच में ऐसा देखने को मिला। पैसों की हेराफेरी से लेकर, कंप्यूटर से रिकॉर्ड हटा देना और पैसों को किसी डिलीवरी वैन में छुपाकर शहर में घुमाना व बाद में उसको कब्रिस्तान में छुपा देना, ताकि किसी को भी कोई भनक न लगे, यह सारी घटनाएं इस दौरान देखने को मिलीं।
जनवरी के आखिरी हफ्ते में तमिलनाडु के मश्हूर सर्वणा स्टोर, लोटस ग्रुप व जी स्कॉवयर के करीब 72 कार्यालयों पर आयकर विभाग ने छापा मारा था। यह छापा चेन्नई व कोयंबटूर में मारा गया था। पैसे, हीरे व जेवरात छुपाने के लिए इन तीनों कंपनियों के मालिकों ने काफी कुछ सामान एक कब्रिस्तान में छिपा दिया था।
28 जनवरी को मारे गए छापे में विभाग को ज्यादा कुछ नहीं मिला था। ऐसा इसलिए क्योंकि कंपनियों को छापा पड़ने की खबर कुछ पुलिस वालों से पहले ही लग गई थी। छापा पड़ने की सूचना मिलने के बाद तीनों कंपनियों के कर्मचारियों ने ज्यादातर पैसों, सोना व हीरों को एक एसयूवी में छुपाकर चेन्नई की सड़कों पर दौड़ाना शुरू कर दिया। इस गाड़ी में जो सामान था उसकी कुल कीमत 433 करोड़ रुपये के करीब थी।
आयकर अधिकारियों को छापा मारने के बाद यह सूचना मिली कि एक गाड़ी चेन्नई की सड़कों पर लगातार चक्कर मार रही है और इसमें काफी काला धन व जेवरात हैं। इस गाड़ी को जब पुलिस की मदद से ढूंढ निकाला गया तो इसमें कुछ नहीं मिला। हालांकि सख्त पूछताछ के बाद एक कब्रिस्तान में कई सारे बोरे छुपाने की बात ड्राइवर ने बता दी।
इसके बाद आयकर अधिकारियों ने ड्राइवर की निशानदेही पर उक्त कब्रिस्तान में खुदाई शुरू कराई। खुदाई में आयकर अधिकारियों को करीब 25 करोड़ रुपये नगद, 12 किलो सोना और 626 कैरेट की हीरे बरामद किए।
28 जनवरी को शुरू हुआ ऑपरेशन 9 दिन बाद खत्म हुआ। इस ऑपरेशन के खत्म होने के बाद आयकर अधिकारी फिलहाल कंप्यूटर से डिलीट किए गए डाटा को वापस लेने के लिए आईटी प्रोफेशनल की मदद ले रहे हैं। इन तीनों कंपनियों के मालिकों ने हाल ही में कैश के जरिए चेन्नई में 180 करोड़ की प्रॉपर्टी को खरीदा था।