नई दिल्ली(एजेंसी): लोक लेखा समिति ( Public Accounts Committee ) पीएम केयर्स फंड की जांच नहीं करेगी. सूत्रों के मुताबिक़ शुक्रवार को हुई समिति की बैठक में एनडीए के सँख्याबल को देखते हुए समिति के अध्यक्ष और कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस मुद्दे को ज़्यादा आगे बढाने की कोशिश नहीं की. पहले माना जा रहा था कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल केयर्स फंड की पड़ताल समिति से करवाने के लिए बैठक में दबाव बनाएंगे. पीएम केयर्स फंड को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेता पहले से ही सवाल उठा कर इसकी जांच सीएजी से करवाने की मांग कर रहे हैं.
शुक्रवार की बैठक इस साल समिति के द्वारा पड़ताल किए जाने वाले विषयों के चयन के लिए बुलाई गई थी. सूत्रों के मुताबिक़ जिन विषयों को सम्भावित सूची में शामिल किया गया था उसमें पीएम केयर्स फंड भी शामिल था. हालांकि सीधे तौर पर उसका नाम नहीं प्रस्तावित किया गया. 22 सदस्यीय इस समिति में फ़िलहाल 20 सदस्य हैं क्योंकि दो स्थान खाली हैं. इन 20 सदस्यों में से जो 17 सदस्य बैठक में मौजूद थे उनमें 14 एनडीए के ही सांसद थे. सूत्रों के मुताबिक़ जब इस विषय पर सदस्यों की राय मांगी गई तो एनडीए के सदस्यों ने पीएम केयर्स फंड को जांच पड़ताल की सूची में शामिल करने के ख़िलाफ़ विचार रखा.
एनडीए सदस्यों का कहना था कि पीएम केयर्स फंड कोई सरकारी फंड नहीं है और न ही इसमें सरकार का एक भी पैसा जमा है. लिहाज़ा न तो इसकी सीएजी से जांच हो सकती है और न ही लोक लेखा समिति से.
शुक्रवार की बैठक में क़रीब 125 विषयों की सूची सदस्यों को सौंपी गई जिसमें 100 से ज़्यादा पिछले सालों के हैं. सदस्यों से इन विषयों पर अगली बैठक में अपने अपने विचार देने को कहा गया है ताकि इनमें से चुनींदा विषयों को समिति की पड़ताल में शामिल किया जा सके. इन विषयों में भारत चीन सीमा पर बनाए जा रहे सड़क और अन्य मूलभूत ढांचे पर सीएजी की रिपोर्ट भी शामिल है. इसके अलावा ऊंचे स्थानों पर जवानों द्वारा पहने जाने वाले कपड़ों का विषय भी शामिल है. अगली बैठक में अगर इनका चयन होता है तो समिति इन दोनों विषयों की समीक्षा करेगी.