वाशिंगटन, (एजेंसी)| अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरान पर निगरानी और दबाव बनाए रखने के लिए इराक में अमेरिकी सैनिकों को बनाए रखने की योजना बना रहे हैं। सीबीएस पर रविवार को प्रसारित एक साक्षात्कार में ट्रंप ने कहा, `मैं ईरान पर निगरानी में सक्षम रहना चाहता हूं।`
उन्होंने कहा, `हम निगरानी जारी रखने जा रहे हैं और अगर वहां कोई संकट होता है या अगर कोई परमाणु हथियार या अन्य चीजों का इस्तेमाल करता है तो हमें उसके करने से पहले पता चल जाएगा।` न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी कमांडो व फिलहाल सीरिया में सक्रिय सैनिकों को इराक में अपने ठिकाना स्थानांतरित करने और वहां से आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट(आईएस) पर हमला करने की इजाजत देने के लिए अमेरिका पिछले कई सप्ताह से इराक के साथ गुपचुप तरीके से बातचीत कर रहा है, जिसपर ट्रंप की यह टिप्पणी आई है।
सैन्य नेतृत्व आईएस पर दबाव बनाए रखना चाहता है, क्योंकि राष्ट्रपति ने मौलिक रूप से सीरिया और अफगानिस्तान के प्रति नीतियों के क्रम को बदला है। अफगानिस्तान में तालिबान के साथ शांतिवार्ता जारी है। ट्रंप की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए इराक के सांसद जवाद अल मुसावी ने रविवार रात कहा कि इससे उनके विरोध में वृद्धि होगी।
उन्होंने कहा, `अगर वे कहते हैं कि वे आईएस के खिलाफ हमारी सुरक्षा के लिए आ रहे हैं तो हमें अमेरिकी सरकार पर शक है।` उन्होंने कहा कि इसके पीछे असली कारण यह है कि वे ईरान पर हमले करने के लिए आएंगे।