नई दिल्ली(एजेंसी): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गरीबों को गरीब कल्याण योजना की शुरूआत कर रहे हैं. ये योजना 6 राज्यों के 116 जिलों में चलेगी. ये योजना मजदूरों को रोजगार देने के लिए शुरू की जा रही है. कोरोना वायरस की महामारी को देखते हुए केंद्र सरकार ने 22 मार्च से 31 मई तक लॉकडाउन लागू किया था. इस बीच कई प्रवासी मजदूर शहरों से गांवो की तरफ वापस लौट गए. मजदूरों की समस्या को देखते हुए ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ नाम की यह योजना उन छह राज्यों पर केंद्रित रहेगी, जहां सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर वापस लौटे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि आज जब मैं बिहार के लोगों से बात कर रहा हूं तो मैं गौरव के साथ इस बात का ज़िक्र करना चाहूंगा कि बिहार रेजिमेंट ने पराक्रम दिखाया है हर बिहारी को इस पर गर्व है। जिन वीरों ने बलिदान दिया है उनके प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं.
बीते गुरूवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस योजना की जानकारी देते हुए कहा था कि इस बड़ी योजना से वापस घर लौटे श्रमिकों को सशक्त किया जाएगा. उन्होंने आगे कहा था कि इस स्कीम से मजदूरों को 125 दिन का रोजगार मिलेगा.
सीतारमण ने कहा, ‘इस योजना के लिए बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओड़िशा के 116 जिलों में प्रत्येक राज्य से 25-25 हज़ार श्रमिकों को चुना गया है. इन जिलों में करीब 66 प्रतिशत मजदूर वापस लौटे हैं.’
इस योजना के तहत मजदूरों को 125 दिनों के लिए रोजगार दिया जाएगा. बताया जा रहा है कि मजदूरों को रोजगार देने के लिए 25 अलग-अलग तरह के कामों पर धयान केंद्रित किया जा रहा है. इस योजना में 50 हज़ार करोड़ के संसाधन लगाए जाएंगे.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस योजना का फायदा पश्चिम बंगाल के लोगों को नहीं मिलेगा. ग्रामीण विकास मंत्री एन एन सिन्हा ने कहा कि जिस वक्त इस योजना को तैयार किया जा रहा था, उस समय पश्चिम बंगाल ने अपने घर लौटने वाले श्रमिकों का आंकड़ा उपलब्ध नहीं कराया था. यदि हमें आंकड़ा मिलता है, तो भविष्य में हम निश्चित उन्हें भी इसमें शामिल करेंगे.