नई दिल्ली(एजेंसी): सुप्रीम कोर्ट ने MSMEs सहित कई कंपनियों द्वारा दायर कई याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया है. याचिकाओं में लॉकडाउन में 54 दिनों की अवधि के लिए कर्मचारियों के पूर्ण वेतन और भुगतान करने के गृह मंत्रालय के आदेश को चुनौती दी गई है.
केंद्र आदेश की वैधता पर हलफनामा दे
अभी किसी उद्योग पर दंडात्मक कार्रवाई न हो
उद्योग और मज़दूर संगठन समाधान की कोशिश करें
54 दिन की अवधि के वेतन पर सहमति न बने तो श्रम विभाग की मदद लें
जुलाई के आखिरी हफ्ते में सुनवाई
जस्टिस भूषण ने कहा, “हमने नियोक्ताओं के खिलाफ कोई बलपूर्वक कार्रवाई न करने का निर्देश दिया था. पहले के आदेश जारी रहेंगे. जुलाई के अंतिम सप्ताह में केंद्र को एक विस्तृत हलफनामा दाखिल करना होगा. राज्य सरकार के श्रम विभाग कर्मचारियों और नियोक्ताओं के बीच बातचीत में मदद करेंगे.”
लॉकडाउन में कैंसिल उड़ानों के टिकट के पूरे पैसे वापस करने की मांग पर एयरलाइंस कंपनियों ने कहा, उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ. पैसों को 2 साल के क्रेडिट शेल में डालने की अनुमति मिले. यात्री बाद में टिकट ले सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई 3 हफ्ते टाल दी है. कहा है कि सरकार और एयरलाइंस समाधान पर चर्चा करेंगे.
बता दें कि 4 जून को हुई सुनवाई में केंद्र सरकार ने कहा था कि मज़दूरों को पूरा वेतन देने का आदेश जारी करना ज़रूरी था. मज़दूर आर्थिक रूप से समाज के निचले तबके में हैं. बिना औद्योगिक गतिविधि के उन्हें पैसा मिलने में दिक्कत न हो, इसका ध्यान रखा गया. अब गतिविधियों की इजाज़त दे दी गई है. 17 मई से उस आदेश को वापस ले लिया गया है.
उद्योग सरकार की इस दलील से संतुष्ट नहीं थे. उन्होंने 29 मार्च से 17 मई के बीच के 54 दिनों का पूरा वेतन देने में असमर्थता जताई. उनकी दलील थी कि सरकार को उद्योगों की मदद करनी चाहिए.