नई दिल्ली(एजेंसी): देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया गया था. लगातार चार चरणों में लगाए जाने के बाद पांचवें चरण में छूट दी जा रही है. ऐसे में जब देश में कोरोना संक्रमितों की आंकड़ा 2 लाख के पार जा चुका है राज्य सरकारें स्कूलों को खोलने के बारे में सोच रही हैं.
लॉकडाउन-5 को अनलॉक-1 नाम दिया गया है. इसी के साथ ही कर्नाटक में राज्य सरकार ने स्कूलों को फिर से खोलने के बारे में माता-पिता और अभिभावकों से उनकी राय मांगी है. वहीं इस पर संज्ञान लेते हुए कर्नाटक में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने गुरुवार को कहा, ”यह देखते हुए कि वर्तमान में कोरोनो वायरस संक्रमण फैल रहा है. आगे आने वाले दो और महीनों के लिए स्कूलों को फिर से खोलना उचित नहीं होगा.’
सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा और प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार को इस संबंध में जल्दबाजी में निर्णय नहीं लेने की सलाह दी है. इसके साथ ही उन्होंने ट्वीट कर कहा ”जैसा कि कोरोना संक्रमण राज्य में लगातार तेजी से परे फैल रहा है, ऐसे में कम से कम दो और महीनों के लिए स्कूल खोलना उचित नहीं है. मुख्यमंत्री और सुरेश कुमार को जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए,”
बता दें कि सुरेश कुमार ने जुलाई में स्कूलों को फिर से खोलने का प्रस्ताव रखा है. जिस पर सिद्धारमैया का कहना है कि मुख्यमंत्री को इस प्रस्ताव का विरोध करने वाले चिंतित अभिभावकों का भी ध्यान देना होगा. अभिभावक अपने बच्चों के लिए चिंतित हैं. वहीं दूसरी ओर कोरोना तेजी से राज्य में अपने पैर पसार रहा है.
सिद्धारमैया ने एक और ट्वीट में कहा है कि ब्रिटेन, फ्रांस और इटली जैसे देशों में स्कूलों को फिर से खोलने के बाद स्टूडेंट्स के कोरोना से संक्रमित होने के बारे में तमाम रिपोर्टें सामने आई हैं. ऐसे में दो महीने के बाद के हालात का विश्लेषण करने के बाद ही स्कूलों को फिर से खोलने के बारे में सोचना उचित होगा.
बता दें कि राज्य भर में अभिभावकों ने अपने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता व्यक्त की थी. इस बीच शिक्षा मंत्री ने बुधवार को आश्वासन दिया था कि सरकार स्कूलों को फिर से खोलने के बारे में कोई फैसला जल्दबाजी में नहीं लेगी.