नई दिल्ली(एजेंसी): देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे लोगों के लिए घरवापसी एक्सप्रेस चल पड़ी है. राज्यों के अनुरोध पर रेलवे ने 6 विशेष ट्रेन चलाकर छात्रों और मजदूरों को घर भेजा है. उम्मीद की जा रही है कि उन लोगों के लिए भी रास्ता खुलेगा जो घर लौटना चाहते हैं.
बता दें कि 40 दिन बाद रेलवे की पहली यात्री ट्रेन अपने स्टेशन पर पहुंची. रेलवे की ये विशेष ट्रेन 1200 मजदूरों को लेकर रांची के हटिया रेलवे स्टेशन पहुंची. इसके बाद एक-एक कर मजदूरों के निकलने का सिलसिला शुरू हुआ. तैयारी के मुताबिक एक-एक बोगी को खोला गया और उसमें से मजदूर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए निकले. इसके बाद तैयारी के मुताबिक सभी मजदूरों को तय बसों में बैठाकर रवाना किया गया. अब सभी मजदूरों की जिला मुख्यालय में जांच होगी और इसके बाद सभी को 14 दिन होम क्वॉरन्टीन में रहना होगा. ये वो मजदूर हैं जो तेलंगाना के लिंगमपल्ली स्टेशन से ट्रेन के जरिए रांची लाए गए. स्टेशन पर ही लंबे इंतजार के बाद आज उन्हें घर वापसी का मौका मिला.
तेलंगाना सरकार की अपील पर केंद्र सरकार ने ट्रायल के तौर पर इस स्पेशल ट्रेन को चलाया. ये ट्रेन कल सुबह 5 बजे तेलंगाना से रवाना हुई थी. ये अकेली ट्रेन नहीं हैं. मजदूरों और छात्रों को निकालने के लिए ऐसी कुल 6 ट्रेन चलाई गई हैं. खास बात यह है कि इन ट्रेनों में सोशल डिस्टेसिंग का ध्यान रखा जा रहा है. ट्रेन की बोगी में 72 की जगह 56 लोगों को ही जगह दी जा रही है.
सिर्फ मजदूर ही नहीं छात्रों को लेकर भी ट्रेन राजस्थान के कोटा से रवाना हुई. अलग-अलग जिलों के हिसाब से बोगी तैयार की गई. तीस बोगियों में 1490 छात्रों को रांची के लिए रवाना किया गया. छात्रों को रवाना करते वक्त भी हर जगह तालियां बजती नजर आईं. हालांकि ट्रेन में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा गया लेकिन स्टेशन के बाहर और रेलवे प्लेटफार्म पर इकट्ठा हुई भीड़ डराती नजर आई. रेल मंत्रालय की इस गाइडलाइन के मुताबिक 6 ट्रेन प्रयोग के तौर पर चलाई गई हैं. जिसमें शामिल हैं
तेलंगाना से झारखंड के बीच ट्रेन
महाराष्ट्र के नासिक से यूपी के लखनऊ
नासिक से एमपी के भोपाल
राजस्थान के जयपुर से बिहार के पटना
राजस्थान के कोटा से झारखंड के रांची
और केरल के अलूवा से ओडिशा के भुवनेश्वर के बीच ट्रेनें
दरअसल, गृह मंत्रालय ने अलग-अलग जगहों पर फंसे मजदूरों, तीर्थयात्रियों और छात्रों के लिए रेल मंत्रालय को स्पेशल ट्रेन चलाने की अनुमति दे दी है.
ट्रेन एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन के लिए चलेगी और इसके लिए दोनों राज्यों की सरकारों की सहमति होना जरूरी होगी
जिस राज्य से ट्रेन शुरू होगी वहां की सरकार को पहले सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग करनी होगी
जिनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं होंगे सिर्फ उन्हें ही ट्रेन में जाने की अनुमति होगी
ट्रेन में कोई भीड़ न हो इसलिए राज्य सरकार ही तय करेगी कि एक बार में कितने लोग ट्रेन में जाएंगे
ट्रेन में जाने के लिए किसी भी यात्री को टिकट नहीं जारी किया जाएगा
ये ट्रेनें बीच में किसी स्टेशन पर नहीं रुकेंगी
गंतव्य स्टेशन पर पहुंचने पर वहां की राज्य सरकार सभी यात्रियों को उनके घरों तक पहुंचाने, उनकी स्क्रीनिंग और क्वॉरंटीन करने की व्यवस्था करेगी
कुल मिलाकर सरकार का ये फैसला राहत की खबर लेकर आया है. आने वाले दिनों में जगह-जगह फंसे लोग अब बसों और ट्रेनों के सहारे अपने घरों तक पहुंचाए जाएंगे.