नई दिल्ली(एजेंसी): देश एक ओर कोराना संकट से जूझ रहा है तो वहीं दूसरी ओर अफवाह की आग नए संकट पैदा कर रही है. महाराष्ट्र के पालघर में अफवाह ने तीन लोगों की जान ले ली है. महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि धर्म विशेष को लेकर ये हत्याएं नहीं हुई हैं. सरकार ने इस मामले को धार्मिक रंग नहीं देने की अपील की है.
अफवाह कितनी खतरनाक हो सकती है, ये घटना उसकी गवाही है. घटना महाराष्ट्र के पालघर की है जहां एक अफवाह की वजह से पुलिस की मौजूदगी में तीन लोगों की हत्या कर दी गई. पुलिस ने इस मामले में 101 लोगों को हिरासत में लिया है. जबकि 9 नाबालिगों को बाल सुधार गृह भेजा गया है. पुलिस ने हत्या, दंगा करने और सरकारी कर्मचारी पर हमला करने के केस दर्ज किए हैं
गुरुवार की शाम दो साधु कांदिवली से ड्राइवर के साथ सूरत के लिए निकले थे.पालघर के जिस गांव से होकर गुजर रहे थे वहां अपहरण और चोरी की अफवाह फैली थी.अफवाह थी कि लॉकडाउन की आड़ में अपहरण किया जा रहा है.अफवाह ये भी थी कि अपहरण कर लोगों की किडनी निकाली जा रही है.इसी अफवाह की चपेट में गांव से गुजरने वाले तीनों लोग आए. लेकिन ये हत्या पुलिस की मौजूदगी में हुई. अब बीजेपी कड़ी कार्रवाई की मांग कर रही है.
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट किया, ”महाराष्ट्र के पालघर में 2 संत और उनके ड्राइवर को बड़े ही बेरहमी से लिंचिंग कर मौत के घाट उतार दिया गया. ये घटना गुरुवार की है. आज तक सारे liberals पूरी तरह से ख़ामोश हैं. कोई लोकतंत्र या संबिधान की दुहाई नहीं दे रहा. देंगे भी क्यों ये तो संतो की मृत्यु हुई है, कौन पूछता है संतो को??”
पूरे मामले पर महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने जानकारी दी है. अनिल देशमुख ने कहा, ”मुंबई से सूरत जाने वाले 3 लोगों की पालघर में हुई हत्याकांड में 101 लोगों को पुलिस हिरासत में लिया गया है. इस मामले में उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं. इस घटना को विवादास्पद बनाकर समाज में दरार बनाने वालों पर भी पुलिस नजर रखेगी.”
बता दें कि इस मामले में श्री पंचदशानम जूना अखाड़े ने भी चिट्ठी लिखकर जांच की मांग की है. हमारी भी अपील है कि कोरोना के इस संकटकाल में अफवाहों से बचिए. ये वक्त मिलकर कोरोना से लड़ने का है ना कि अफवाहों में पड़ने का.
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