नई दिल्ली(एजेंसी): रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें उन्होंने कोरोनो वायरस संकट के कारण बनी हुई आर्थिक स्थितियों पर बात की और भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कुछ एलान किए. शक्तिकांत दास ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीडिया को संबोधित किया.लिक्विडिटी बनाए रखने और कोरोना वायरस से लड़ने के लिए आरबीआई ने तीन मोर्चों पर कदम उठाने का फैसला लिया है.
रिवर्स रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की गई है और इसे 4 फीसदी से घटाकर 3.75 फीसदी पर कर दिया गया है.
नाबार्ड को 25,000 करोड़ रुपये की मदद दी जाएगी.
नेशनल हाउसिंग बैंक को 10 हजार करोड़ रुपये की मदद की जाएगी.
TLTRO-2 की आज से शुरुआत करेंगे. 50,000 करोड़ रुपये से शुरुआत की जाएगी.
25,000 करोड़ रुपये के TLTRO की बोली आज मंगाएंगे.
शक्तिकांत दास ने कहा कि दुनियाभर के बाजार गिरे हुए हैं और इसके चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट का अनुमान है. कोरोना वायरस संकट के कारण दुनिया बहुत बड़ी मंदी की और बढ़ रही है. हालांकि हम वित्तीय व्यवस्था को संभालने में लगे हुए हैं. देश में कैश की कमी नहीं होने दी जा रही है.
देश में लॉकडाउन की स्थिति के दौरान 1.20 लाख करोड़ रुपये की करेंसी जारी की है. देश में 91 फीसदी एटीएम पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं.
मंदी के बीच भारत की विकास दर 1.9 फीसदी रहने का अनुमान है. हालांकि उन्होंने कहा कि जी-20 देशों में भारत की स्थिति फिर भी बेहतर है. देश में विदेशी मुद्रा का पर्याप्त भंडार है.
शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना वायरस की महामारी से लड़ने के लिए देश पूरी शक्ति से लड़ रहा है. जरूरी सेवाओं के लिए जो डॉक्टर, नर्स, मैडिकल स्टाफ पुलिसकर्मी, बैंककर्मी और अन्य सभी जो काम कर रहे हैं, राष्ट्र उनके प्रति कृतज्ञ है.2020 के लिए आर्थिक संस्थानों ने अनुमान दिया है कि ग्लोबल जीडीपी को 9 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान होगा जो जापान जैसी अर्थव्यस्था के कुल खर्च से भी ज्यादा है. 2020-21 में आईएमएफ ने भी ग्लोबल जीडीपी के लिए भारी गिरावट का अनुमान दिया है जो कि बड़ी चिंता की बात है.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने इससे पहले 27 मार्च को रेपो रेट में 0.75 फीसदी की कटौती का एलान किया था. रेपो रेट को 5.15 फीसदी से घटाकर 4.40 फीसदी किया गया था. रेपो रेट में भी 0.90 फीसदी की कटौती की थी और इसे 4.90 फीसदी से घटाकर 4 फीसदी किया था. वहीं बैंकों का सीआरआर भी 4 फीसदी से घटाकर 3 फीसदी कर दिया था. इसके अलावा बैंकों को भी कहा था कि वो ग्राहकों के लिए तीन महीने की ईएमआई टालने का विकल्प दें.
26 मार्च को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गरीबों, कंस्ट्रक्शन वर्कर्स, दिहाड़ी मजदूरों, महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगों के साथ साथ सैलरीड क्लास के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का एलान किया था.