नई दिल्ली (एजेंसी). क्रेडिट तथा डेबिट कार्ड से जुड़े नियम 16 मार्च से यानी आज से ही बदल गए हैं. नए नियम कार्ड को और सुरक्षित तथा सुविधाजनक बनाने के लिए लाए गए हैं. हालांकि इनसे आपको कुछ फायदे हैं, तो कुछ नुकसान भी.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने डेबिट तथा क्रेडिट कार्ड से होने वाले ट्रांजैक्शंस को और आसान तथा पहले से अधिक सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से दोनों कार्ड को इश्यू/रीइश्यू करने के लिए नए नियम जारी किए हैं. इसको लेकर रिजर्व बैंक की तरफ से 15 जनवरी को नोटिफिकेशन जारी किया गया था. ये नए नियम प्रीपेड गिफ्ट कार्ड्स और मेट्रो कार्ड पर लागू नहीं होंगे.
आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि वे डेबिट-क्रेडिट कार्ड जारी/फिर से जारी करते समय उन्हें केवल भारत में एटीएम और प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) टर्मिनल्स पर ट्रांजैक्शंस के लिए सक्रिय करें. नए नियम के अनुसार, अब ग्राहक डेबिट और क्रेडिट कार्ड का सिर्फ एटीएम और पीओएस टर्मिनल पर इस्तेमाल कर सकेंगे.
अगर ग्राहक ऑनलाइन ट्रांजैक्शंस, कॉन्टैक्टलेस ट्रांजैक्शन या इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन करना चाहते हैं तो इन सेवाओं को चालू कराना होगा. पुराने नियमों के अनुसार ये सेवाएं कार्ड के साथ स्वत: आती थीं लेकिन अब ग्राहक के आग्रह पर ही शुरू होंगी. इसका मतलब यह है कि अगर आपको विदेश में या ऑनलाइन या कॉन्टैक्टलेस ट्रांजैक्शन की सुविधा चाहिए तो आपको यह सेवा अलग से लेनी होगी.
जिन लोगों के पास अभी कार्ड है, वे अपने जोखिम के आधार पर ये तय कर सकेंगे कि वे अपने डोमेस्टिक और इंटरनेशनल कार्ड के ट्रांजैक्शन को डिसेबल करना चाहते हैं या नहीं. यानी अगर आप चाहें तो अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड पर इन सुविधाओं को डिसेबल भी कर सकते हैं.
अगर आप डेबिट-क्रेडिट कार्ड ग्राहक हैं और आपने अभी तक अपने कार्ड से कोई ऑनलाइन ट्रांजेक्शन, कॉन्टैक्टलेस ट्रांजैक्शन या इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन नहीं किया है तो कार्ड पर ये सेवाएं 16 मार्च से अपने आप बंद हो जाएंगी. यानी इस सुविधा को जारी रखने के लिए जरूरी है कि हर डेबिट और क्रेडिट कार्ड से 16 मार्च से पहले कम से कम एक बार ऑनलाइन और कॉन्टैक्टलेस ट्रांजैक्शन किया गया हो.
रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों से कहा है कि वे मोबाइल एप्लीकेशन, लिमिट मोडिफाई करने के लिए नेट बैंकिंग विकल्प और इनेबल व डिसेबल सेवा सप्ताह के सातों दिन चौबीसों घंटे उपलब्ध करवाएं.
अब क्रेडिट कार्ड यूजर्स किसी भी समय अपने कार्ड को ऑन—ऑफ कर सकते हैं या ट्रांजैक्शन लिमिट में बदलाव कर सकते हैं. इसके लिए वे मोबाइल ऐप या इंटरनेट बैंकिंग या एटीएम या आईवीआर का सहारा ले सकते हैं.
बैंकों को कार्डधारक को पीओएस/एटीएम/ऑनलाइन ट्रांजैक्शंस/कॉन्टैक्टलेस ट्रांजैक्शंस के लिए ट्रांजैक्शंस लिमिट में डोमेस्टिक तथा इंटरनेशनल दोनों के लिए ही बदलाव करने की सुविधा देनी होगी. इसके साथ ही बैंकों को कार्ड को स्विच ऑन और स्विच ऑफ करने की भी सुविधा देनी होगी.