भारतीय सेना के मेजर ने बनाया बुलेटप्रूफ हेलमेट, AK47 की गोली भी नहीं भेद सकती

नई दिल्ली (एजेंसी). जम्मू-कश्मीर में लगातार सीमा पर भारतीय सेना के जवानों को पाकिस्तानी सेना अपनी गोलियों से निशाना बनती रहती है, साथ ही आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में सबसे बड़ी चिंता अपने सैनिकों की सुरक्षा की होती है। सेना की सुरक्षा के लिए मेजर अनूप मिश्रा ने बुलेटप्रूफ हेलमेट का निर्माण किया है।

दावा किया जा रहा है कि यह दुनिया में पहला ऐसा बुलेटप्रूफ हेलमेट है जो 10 मीटर की दूरी से AK47 से चलाई गई गोली को रोक सकता है। इससे पहले अनूप मिश्रा ने बुलेट प्रूफ जैकेट का निर्माण किया था जो स्नाइपर राइफल की गोलियों से सुरक्षा प्रदान कर सकती है।

सेना के अधिकारियों ने बताया कि बैलिस्टिक हेलमेट को मेजर अनूप मिश्रा द्वारा ‘अभेद प्रोजेक्ट’ के अंतर्गत बनाया गया है। इसी के तहत फुल बॉडी प्रोटेक्शन बुलेटप्रूफ जैकेट भी विकसित किया गया है। अनूप मिश्रा भारतीय सेना के कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग के लिए काम करते हैं। मेजर अनूप मिश्रा जब वह जम्मू-कश्मीर में तैनात थे, उस दौरान एक ऑपरेशन में गोली का शिकार हुए थे। उस दौरान उन्होंने बुलेट प्रूफ जैकेट पहन रखी थी, इस वजह से गोली उनके शरीर को भेद तो नहीं सकी मगर उस गोली ने शरीर पर असर छोड़ दिया था।

ऐसे में उन्होंने नई बुलेटप्रूफ जैकेट बनाने का फैसला किया। उनके द्वारा तैयार किया गया बुलेटप्रूफ जैकेट 10 मीटर से स्नाइपर बुलेट का सामना कर सकता है। इसके अलावा पुणे के मिलिट्री इंजीनियरिंग कॉलेज ने एक प्राइवेट फर्म के साथ मिलकर दुनिया का सबसे सस्ता गनशॉट लोकेटर भी विकसित किया है। यह 400 मीटर की दूरी से बुलेट के सटीक स्थान का पता लगा सकता है। यह आतंकवादियों का तेजी से पता लगाने और उन्हें बेअसर करने में मदद करेगा।

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