नई दिल्ली (एजेंसी). जम्मू कश्मीर के दो पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के खिलाफ PSAPSA (पब्लिक सेफ्टी एक्ट) लगा दिया गया है. सरकार के इस फैसले के बाद दोनों नेताओं की नजरबंदी और बढ़ जाएगी. अब बिना ट्रायल के दोनों नेताओं को तीन महीने तक जेल में रखा जा सकता है. समाचार एजेंसी ANI के हवाले से यह खबर आई हैं.
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दरअसल, जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से दोनों नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था. दोनों को ही हिरासत में लिए छह महीने हो गए थे. इसे बढ़ाने के लिए अब सरकार ने पीएसए एक्ट लगा दिया है. उमर अब्दुल्ला को हरि निवास और महबूबा मुफ्ती को श्रीनगर में एम ए रोड पर डिप्टी सीएम के निवास पर रखा जाएगा.
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बता दें कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाला अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म करने का फैसला लिया. इस फैसले के बाद से ही दोनों नेता नजरबंद चल रहे हैं. सरकार ने एहतियातन ये कदम उठाया था.
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बता दें कि बुधवार को जम्मू-कश्मीर के दो और बड़े नेताओं को रिहा किया गया. प्रशासन ने पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन और पीडीपी नेता वाहीद पारा को रिहा किया. वाहीद जम्मू-कश्मीर राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के करीबी सहयोगी हैं. अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि लोन और पारा की रिहाई के बाद अब कुल 13 नेता एहतियातन हिरासत में एमएलए हॉस्टल में बंद हैं.
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बुधवार को सरकार ने बताया कि जम्मू कश्मीर में जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत कुल 389 लोगों को फिलहाल हिरासत में रखा गया है. गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधान हटाए जाने के बाद से जम्मू कश्मीर जन सुरक्षा कानून के तहत 444 लोगों को हिरासत में लेने के आदेश जारी किए गए थे. रेड्डी ने बताया कि वर्तमान में पीएसए के तहत 389 लोग हिरासत में हैं.
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