नई दिल्ली (एजेंसी). सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में गुरुवार को नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) को संवैधानिक करार देने के लिए एक याचिका दायर की गई. इस दौरान चीफ जस्टिस (C J) एस. ए. बोबडे (S A Bobde) ने कड़ी टिप्पणी की. चीफ जस्टिस ने कहा कि अभी देश काफी मुश्किल वक्त से गुजर रहा है, ऐसे में इस तरह की याचिकाएं दाखिल करने से कुछ फायदा नहीं होगा.
यह भी पढ़ें :
छपाक : छत्तीसगढ़ के बाद मध्यप्रदेश में भी टैक्स फ्री
गुरुवार को सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा, ‘देश अभी मुश्किल दौर से गुजर रहा है. ऐसे में इस वक्त हर किसी का लक्ष्य शांति स्थापित करना होना चाहिए. इस तरह की याचिकाओं से कोई मदद नहीं मिलेगी. इस कानून के संवैधानिक होने पर अभी अनुमान लगाया जा रहा है’. चीफ जस्टिस ने इस दौरान ये भी कहा कि हम कैसे घोषित कर सकते हैं कि संसद द्वारा अधिनियम संवैधानिक है? हमेशा संवैधानिकता का अनुमान ही लगाया जा सकता है.
यह भी पढ़ें :
दाऊद इब्राहिम का करीबी और मोस्ट वांटेड गैंगस्टर एजाज लकड़वाला पटना में गिरफ्तार
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) के खिलाफ जो भी याचिकाएं दाखिल की गई हैं, उनकी सुनवाई तभी शुरू होगी जब हिंसा पूरी तरह से रुक जाएगी. वकील विनीत ढांडा की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी कि CAA को संवैधानिक घोषित किया जाए. इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस एस. ए. बोबडे, जस्टिस बी. आर. गवई और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने की.
यह भी पढ़ें :