नई दिल्ली (एजेंसी). केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने राज्य विधानसभा में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ मंगलवार को एक प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने सीएए को वापस लेने की मांग की। यह प्रस्ताव पास हो गया है। प्रस्ताव को पेश करते हुए विजयन ने कहा कि सीएए धर्मनिरपेक्ष नजरिए और देश के ताने बाने के खिलाफ है तथा इसमें नागरिकता देने में धर्म के आधार पर भेदभाव होगा। उन्होंने कहा, ‘यह कानून संविधान के आधारभूत मूल्यों और सिद्धांतों के विरोधाभासी है।’
विधानसभा में केरल के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘केरल में धर्मनिरपेक्षता, यूनानियों, रोमन, अरब का एक लंबा इतिहास रहा है। हर कोई हमारी भूमि पर पहुंचा है। ईसाई और मुस्लिम शुरुआत में केरल पहुंच गए थे। हमारी परंपरा समावेशिता की है। हमारी विधानसभा को इस परंपरा को जीवित रखने की आवश्यकता है।’
वहीं कांग्रेस के वीडी सतीशन ने भी सीएए के खिलाफ मुख्यमंत्री द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव का समर्थन किया। उन्होंने कहा, ‘एनआरसी और सीएए एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। सीएए साफतौर पर सिवंधान के अनुच्छेद 13, 14 और 15 का उल्लंघन है।’
सीपीआई के सी दिवाकरन ने प्रस्ताव के समर्थन में कहा, ‘विधानसभा को यह प्रस्ताव पेश करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। भारत में कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं जैसे कि पहले कभी नहीं देखे गए। इस प्रस्ताव को पास करके विधानसभा दुनिया को एक संदेश देना चाहती है।’