नई दिल्ली (एजेंसी). सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के मौके पर करीब एक हजार से अधिक भारतीय सिख उनके जन्मस्थल पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के हसनाबल शहर पहुंच चुके हैं। पंजाब प्रांत के गुरुद्वारे को रंगीन रोशनी से सजाया गया है। यह भारतीय जत्था एक धार्मिक जुलूस ‘नगर कीर्तन’ के तहत पाकिस्तान पहुंचा है। भारत के साथ-साथ यूरोप और उत्तरी अमेरिका के सिख तीर्थयात्री इस संबंध में आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे।
‘पंजाब इवैक्यूई ट्रस्ट बोर्ड’ के प्रवक्ता आमेर हाशमी ने कहा कि मुख्य कार्यक्रम 12 नवंबर को करतारपुर साहिब गुरुद्वारा में होगा। सोने की पालकी के साथ करीब 1,100 सिख तीर्थयात्रियों का पहला भारतीय जत्था 31 अक्तूबर को वाघा बॉर्डर से होकर यहां पहुंचा। मंगलवार को करतारपुर साहिब गुरुद्वारा में पालकी स्थापित की जाएगी।
इवाकाए ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (इटपीबी) के उप सचिव श्राइन इमरान गोंडल ने कहा कि 1300 वीजा पाकिस्तान और भारत के बीच धार्मिक तीर्थस्थलों की यात्राओं पर एक प्रोटोकॉल के तहत जारी किया गया है। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और उनके रहने खाने का प्रबंध पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा कमेटी और जिला प्रशासन ने मिलकर किया है।
मीडिया से बात करते हुए गोंडल ने कहा कि भारतीय सिख 9 नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह में भी शामिल होंगे। इस मौके पर उन्होंने ननकाना साहिब में बाबा गुरु नानक विश्वविद्यालय की आधारशिला रखने और एक स्मारक सिक्का जारी करने को लेकर प्रधानमंत्री इमरान खान की सराहना की है।