नई दिल्ली (एजेंसी)। मुंबई के आरे कॉलोनी में 2500 से अधिक पेड़ों की कटाई के मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट की विशेष पीठ ने सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने पेड़ों की कटाई पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “अब कुछ भी ना काटें।” साथ ही न्यायालय ने कहा कि इस पूरे मामले की समीक्षा करनी होगी। पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की वन पीठ मुंबई के आरे में पेड़ों की कटाई के खिलाफ दायर याचिका पर 21 अक्टूबर को सुनवाई करेगी।
विशेष पीठ ने कहा, “हमने सबको सुना। आरे मिल्क कॉलोनी पहले अनक्लासिफाइड फारेस्ट था। बाद में उसे ट्रांसफर किया गया। सॉलिसिटर जनरल ने कहा है कि अब कोई पेड़ नहीं काटा जाएगा।”
सरकार की तरफ से पेश हुए वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मेरा सुझाव है कि यहां किसी के पास नक्शा नहीं है। अभी रोक लगा दीजिए। जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ठीक है, अभी कुछ मत काटिए। बाद में तय किया जाएगा। मेहता ने कहा कि आरे कॉलोनी का एरिया 3000 एकड़ है। सिर्फ 2% लिया गया है। जिसपर शीर्ष अदालत ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। अगर पेड़ नहीं कट सकते थे तो नहीं कटने चाहिए।
पेड़ काटे जाने का विरोध कर रहे लोगों की गिरफ्तारी पर महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि आरे में पेड़ों की कटाई के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए सभी लोगों को रिहा कर दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका रिषव रंजन नाम के युवक ने दाखिल की है। रिषव ने तत्काल सुनवाई के संबंध में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को पत्र लिखा। जिसके आधार पर सुनवाई के लिए विशेष पीठ का गठन किया गया।
आरे कॉलोनी में आज भी धारा 144 लागू है। प्रशासन ने पेड़ों की कटाई के विरोध में प्रदर्शनों को देखते हुए शनिवार को धारा 144 लागू किया था और 29 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया था। सभी को रविवार को जमानत मिली। मुंबई मेट्रो रेल निगम लिमिटेड (एमएमआरसीएल) द्वारा मेट्रो की रेक का डिपो बनाने के लिए पेड़ काटे जा रहे हैं।