शारदीय नवरात्रि 2019 : क्या है घट स्थापना के मुहूर्त
जानिये कैसे करें माँ शैलपुत्री की पूजा
ज्योतिषाचार्य डॉ.दत्तात्रेय होस्केरे
(अविरल समाचार) इस वर्ष शारदीय नवरात्रि (shardiya navratri) रविवार 29 सितंबर से प्रारंभ हो रही हैं. आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा है याने इसी दिन से नवरात्री प्रारम्भ हो रही है| हस्त नक्षत्र में ब्रह्म योग की युति में प्रारम्भ हो रही नवरात्री में पंचमी, षष्ठी, और सप्तमी को क्रमश:,आयुष्मान,सौभाग्य और शोभन जैसे शुभ योग पड़ रहें हैं, जो की पिछले कई वर्षों में नही पड़े| यह नवरात्री पूरे नौ दिनों की है और 8 अक्टूबर कों दशमी होने से इसी दिन दशहरा मनाया जाएगा|
माँ आदि शक्ति चुंकि प्रकृति स्वरूपा भी हैं, अत: प्राचीन काल से ही प्रकृति जनित बाधाओं से भी भयभीत होकर मनुष्य ने माँ के आराधना की है। प्रत्येक युग में शक्ति स्वरूपा नारी, परिवार और समाज का केन्द्र रही है। यदि प्रत्येक युग में रक्षा का कारक पुरुष रहा है तो ,शोशित रहते हुए भी एक पुरुष को जन्म देकर समाज को सुरक्षा को सुनिश्चित करने का कार्य भी नारी ने ही किया है।
माँ आदि शक्ति को मातृ स्वरूप में पूजे जाने का कारण हमारा सभी के समक्ष यह प्रश्न अवश्य प्रस्तुत करता है कि देवो को पितृ स्वरूप मे हम यदा कदा ही याद करते हैं लेकिन ऐसा क्या कारण है कि आदि शक्ति का स्मरण आते ही ‘माँ’ शब्द अपने आप ही हमारी जिव्हा और मन के अंत:करण दोनो ही पर आ जाता है।
*घट स्थापन मुहुर्त*
अभिजित मुहुर्त प्रात: 11.36 बजे से 12.24 बजे तक|
वृश्चिक लग्न में: प्रात: 9.28 बजे से 11.44 बजे तक
कुम्भ लग्न में : दोपहर 3.37 बजे से 5.13 बजे तक|
वृषभ लग्न में : रात्रि 8.27 बजे से 10.32 बजे तक|
प्रतिपदा : शैलपुत्री
रविवार 29 सितम्बर 2019, सूर्योदय कालीन प्रतिपदा तिथि होने से आज से शारदीय नवरात्रि प्रारम्भ।चंद्र प्रधान हस्त नक्षत्र है| आज है ब्रह्म योग|मंत्र का यथायोग्य जाप कर माता जी को भोग समर्पित करें माँ के आराधना से जीवन में स्थिरता,बलवृद्धि,स्वास्थ्य लाभ की प्राप्ति होती है, माँ की आज की आराधना देगी भावनात्मक कष्टों से मुक्ति|
ध्यान मंत्र:
वंदे वांछित लाभाय चंद्रार्द्ध कृत शेखराम्।
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
भोग: गौ दुग्ध से बने घी या घी से बने सामग्रियों का भोग समर्पित करें|
वस्त्र: सफेद और चमकीले वस्त्र पहने|
आज होगी मंगल की शांति, चित्त होगा शांत. वे जातक जिनकी कुंडली में मंगल नीच का हो, मांगलिक होने से विवाह में बाधा आ रही हो या मंगल, विपरीत अवस्था में हो आज माँ की आरधना से उन्हे लाभ होगा.
पूर्व दिशा की होगी शांति:
अपने घर के पूर्वी किनारे पर ‘ह्रीं मामैंद्री देव्यै नम:’ मंत्र का उच्चारण कर पीली सरसों का छिडकाव करें| गृह क्लेश से मिलेगी मुक्ति|