नई दिल्ली(एजेंसी ) : कोरोना वायरस (Covid-19) के चलते देश में 21 दिनों के लॉकडाउन का एलान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इसका देश की आर्थिक स्थिति पर बहुत गहरा पड़ेगा. अब जानकारों ने अनुमान लगा लिया है कि इन 21 दिनों के भीतर देश की अर्थव्यवस्था को कितना नुकसान झेलना पड़ेगा. आपको जानकर हैरानी होगी कि आर्थिक जगत के जानकारों के मुताबिक 21 दिनों के लॉकडाउन में देश को 120 अरब डॉलर यानी करीब 9.12 लाख करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ सकता है. देश के एक मशहूर बिजनेस चैनल पर भी आर्थिक जानकारों ने इस बात की संभावना व्यक्त की है.
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जीडीपी के आधार पर इसे देखें तो माना जा सकता है इतने नुकसान के बाद कुल जीडीपी के 4 फीसदी तक पर इसका असर देखा जा सकता है. दरअसल लॉकडाउन के चलते देश में औद्योगिक गतिविधियां ठप हो गई हैं, परिवहन सेवाओं पर रोक लग गई है और सरकारों के राजस्व के सभी मोर्चों पर एक्टिविटीज रुक गई हैं. इसके चलते साफ है कि देश की आर्थिक तरक्की की रफ्तार बेहद धीमी हो जाएगी.
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बता दें कि लॉकडाउन से पहले ही कई क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने भारत की जीडीपी में तेज गिरावट आने का अनुमान दिया हुआ है और अब तो आईएमएफ ने भी साफ कर दिया है कि कोरोना वायरस के चलते वैश्विक मंदी आ सकती है और ये 2009 के ग्लोबल आर्थिक संकट से भी गहरा होगा. आर्थिक जानकारों ने ये भी कहा है कि सरकार वित्तीय घाटे के तय लक्ष्य को पार कर सकती है. सरकार ने 2021 के लिए वित्तीय घाटा 3.5 फीसदी पर रहने का अनुमान दिया था लेकिन ब्रिटिश ब्रोकरेज हाउस बार्कलेज ने अनुमान दिया है कि ये 5 फीसदी पर आ सकता है.
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बार्कलेज ने ये भी कहा है कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया नीतिगत दरों में कटौती कर सकता है जिसकी वजह से राजकोषीय घाटे को नियंत्रित रखने में सरकार को दिक्कत हो सकती है. बता दें कि आने वाली 3 अप्रैल को आरबीआई की क्रेडिट पॉलिसी आने वाली है जिसके लिए साफ माना जा रहा है कि इसमें आरबीआई रेपो रेट में अच्छी खासी कटौती कर सकता है. ये शुरुआत में 0.65 फीसदी हो सकती है और आगे चलकर आरबीआई रेपो रेट में 1 फीसदी तक की कटौती भी कर सकता है.
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