18 मई से लॉकडाउन-4 के लिए राज्यों ने भेजे सुझाव- सीमाएं ना खोलने की मांग, कंटेनमेंट जोन को छोड़कर रियायत मिले

नई दिल्ली(एजेंसी): देश के बड़े-बड़े महानगरों से मजदूरों का पलायन जारी है. ये मजदूर इसलिए गांव लौट रहे हैं क्योंकि इनके पास काम नहीं है. लॉकडाउन की वजह से ये बेरोजगार हो चुके हैं. पैसे भी खत्म हो गए हैं और अब भूखों मरने की नौबत है. ऐसे में सबकी निगाहें सरकार की तरफ हैं कि वो लॉकडाउन-4 में ऐसे कौन से उपाय करती है जिससे हर हाथ को काम मिले और मजदूरों का पलायन रुके.

बता दें कि लॉकडाउन-3 में सिर्फ दो दिन बचे हैं. 18 मई से लॉकडाउन का चौथा चरण यानि लॉकडाउन 4.0 लागू हो जाएगा. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि नए रंग रूप वाला लॉकडाउन कैसा होगा? लॉकडाउन 4.0 में नए नियम क्या होंगे? किन चीजों पर छूट मिलेगी, क्या बंद रहेगा?

पीएम नरेंद्र मोदी ने 12 मई को देश के नाम संबोधन में इसके संकेत दिए थे. प्रधानमंत्री के एलान के मुताबिक लॉकडाउन के चौथे चरण में कोरोना से लड़ने का संकल्प भी होगा और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने वाले जरूरी उपाय भी. अब तक राज्य सरकारों ने केंद्र जो सुझाव भेजे हैं उसके मुताबिक.

लॉकडाउन 4 में यात्री रेल सेवा के और विस्तार और घरेलू यात्री उड़ानों को चरणबद्ध तरीके से शुरू करने की मांग की गई है.

छोटे दुकानदारों और कारोबारियों को छूट देने की बात कही गई है ताकि डिमांड और सप्लाई की चेन फिर शुरू हो सके.

साथ ही राज्य, केंद्र से हॉट स्पॉट को परिभाषित करने का अधिकार भी चाहते हैं.

माना जा रहा है कि कोरोना को लेकर सख्ती अब अब सिर्फ कंटेनमेंट एरिया तक ही सीमित होगी. देश में कहीं भी स्कूल, कॉलेज, मॉल और सिनेमा घरों को खोलने की इजाजत नहीं होगी. लेकिन कोविड-19 कंटेनमेंट एरियाज को छोड़कर दुकानों को ऑड ईवन के आधार पर खोलने की मंजूरी दी जा सकती है. साथ ही, ई-कॉमर्स कंपनियों को कंटेनमेंट जोन को छोड़कर हर जगह गैर-जरूरी सामानों की डिलिवरी की अनुमति मिल सकती है.

कोरोना वायरस के कारण बुरी तरह प्रभावित महाराष्ट्र मुंबई, उसके उपनगरीय इलाकों और पुणे में बंद के सख्त उपाय चाहता है और किसी तरह के अंतर राज्यीय या अंतर जिला परिवहन के खिलाफ है.

छत्तीसगढ़ भी राज्य की सीमाएं खोलने के विरोध में है

वहीं गुजरात प्रमुख शहरी केंद्रों में आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने के पक्ष में है

पर्यटन उद्योग को पटरी पर लाने के लिए केरल ने रेस्तरां और होटलों को फिर से खोलने का सुझाव दिया है

बिहार, झारखंड और ओडिशा में हाल में प्रवासी मजदूरों की वापसी के बाद कोविड-19 के मामलों में तेजी आई है और वे चाहते हैं कि बंद जारी रहे और लोगों की आवाजाही पर सख्ती हो.

पंजाब, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, असम और तेलंगाना ने इस सवाल पर अलग-अलग सुझाव दिए हैं. कोई 31 मई तक लॉकडान बढ़ाने की मांग कर रहा है तो कोई 15 जून तक. अब अंतिम फैसले के लिए केंद्र सरकार गहन मंथन कर रही है जिसका एलान जल्द हो जाएगा.

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