नई दिल्ली(एजेंसी): देश में लगातार जानलेवा कोरोना वायरस संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. इस वायरस के खिलाफ लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन इसके खिलाफ जंग में एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. राजधानी दिल्ली में नॉर्दर्न रेलवे सेंट्रल हॉस्पिटल ने रेलवे कर्मचारी को दवा देकर घर भेज दिया. ये कर्मचारी सांस और बुखार की शिकायत को लेकर हॉस्पिटल में गया था. अब इस शख्स की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है. रेलवे का कहना है कि जब शख्स हॉस्पिटल आया था, तब उसमें कोरोना जैसे कोई लक्ष्ण नहीं थे.
दरअसल दिल्ली के नॉर्दर्न रेलवे सेंट्रल हॉस्पिटल में एक 59 साल का रेल कर्मचारी 31 मार्च को बुख़ार और सांस की शिकायत लेकर पहुंचा. ये कर्मचारी दिल्ली के निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर कम्प्यूटर ऑपरेटर है. जिसे नॉर्मल वार्ड के डॉक्टर ने कोविड-19 वार्ड में भेजा, लेकिन वहां से भी उसे दवा देकर घर भेज दिया गया. अगले दिन वो फिर हॉस्पिटल आया, जहां नॉर्मल वार्ड ने उसे देखकर फिर घर भेज दिया.
दो अप्रैल को उस कर्मचारी की तबियत काफ़ी बिगड़ गई तो उसे नॉर्मल वार्ड में भर्ती कर लिया गया. इसके बाद तीन अप्रैल को उसे क़रोल बाग के डोडा डाइग्नोस्टिक सेंटर भेजा गया. डोडा वालों ने रेलवे हॉस्पिटल को फ़ोन कर उन्हें उनकी लापरवाही के बारे में शिकायत की और कहा कि ये निश्चित तौर पर कोविड-19 का मरीज़ लग रहा है. आपने कैसे इसे इस तरह अकेले छोड़ रखा है.
इसके बाद भी इस मरीज़ को रेलवे हॉस्पिटल के नॉर्मल वार्ड न. 9 में ही भर्ती किया गया और 4 अप्रैल की सुबह इसे आइसोलेशन वार्ड में भेजा गया. इसी दिन मरीज़ का सैम्पल लाल लैब और आरएमएल भेजा गया. 6 अप्रैल को इसकी रिपोर्ट कोविड-19 पॉज़िटिव आई. इसके बाद कुछ डॉक्टरों को तुरंत सेल्फ़ क्वारेंटाइन के लिए भेज दिया गया. 7 अप्रैल को 68 हॉस्पिटल स्टाफ़ को क्वारेंटाइन में भेजा गया है, जिसमें से 28 को रेलवे के जिंजर होटल में और 40 नर्सिंग और पैरा मेडिकल स्टाफ़ को करनैल सिंह स्टेडियम के स्पोर्ट्स हॉस्टल में रखा गया है. जिंजर होटल में 8 डॉक्टर भी हैं.