रायपुर (अविरल समाचार)। पचपेड़ी नाका में चातुर्मासिक प्रवचन श्रृंखला के चरण में गुरुवार को आचार्य विजयराज म.सा. ने स्वर्ग प्राप्ति की चर्चा की। आचार्यश्री ने कहा कि स्वर्ग की चाह सभी रखते हैं, लेकिन स्वर्ग चाह से नहीं राह अपनाने से मिलता है। स्वर्ग की प्राप्ति के लिए संतों ने एक सूत्र दिया है। जिसका अनुसरण कर स्वर्ग के पथ पर चला जा सकता है।
आचार्य ने बताया कि स्वर्ग की प्राप्ति के लिए दिमाग ठंडा रखो, जेब गर्म रखो, आंखो में शर्म और जुबान को नरम रखो। आचार्यश्री ने इसकी व्याख्या की। उन्होंने बताया कि आज सभी का दिमाग गर्म है, दिमाग की गर्मी से जीवन नर्क बन जाता है। जेब को गर्म रखिए क्योंकि जेब गर्म होने से ही दान-पुण्य किया जा सकता है। आंखो में शर्म रखो और जुबान पर नरमी रखो। इसे कड़क नहीं होने देना। दिल में रहम रखो। दया और करुणा के भाव रखो। इससे जीते जी स्वर्ग की प्राप्ति हो जाएगी।
आचार्यश्री ने बताया कि 2017 का चातुर्मास राजनांदगांव में सम्पन्न हुआ। राजनांदगांव छत्तीसगढ़ की संस्कारधानी है और रायपुर राजधानी है। दोनों चातुर्मास से मेरे व संतों के ज्ञान, दर्शन और चारित्र में अभिवृद्धि हुई है। एबीसी में भी ज्ञान-दर्शन चारित्र की वृद्धि हुई है। चातुर्मासिक प्रवचन के दौरान भी मोक्षार्थी बनने की पात्रता पर चर्चा हुई। पात्रता बनने के बाद प्राप्ति तो हो ही जाएगी।
चातुर्मास के दौरान हमने भगवती सूत्र का वाचन भी किया। भगवती सूत्र जितना पढ़ते हैं उतनी बार नई सीख मिलती है। रायपुर संघ की व्यवस्था से कभी किसी से कुछ कहने की आवश्यकता नहीं पड़ी। भगवान ने द्रव्य, क्षेत्र, भाव और काल की बड़ी महत्ता बताई है। यहां पर छत्तीसगढिय़ा सबले बढिय़ा की कहावत आज नहीं तो कल चरितार्थ होगी।
कल होगा विहार
आचार्यश्री ने बताया कि चातुर्मासिक विहार 24 नवम्बर को सुबह 9 बजे होगा। आचार्यश्री नाकोड़ा भवन भैरव सोसायटी से विहार कर राजेन्द्र नगर सोसायटी जाएंगे। यहां से फिर महासमुंद की ओर प्रस्थान करने के भाव हैं।
आज के प्रत्याख्यान
गुरुवार को प्रवचन के बाद तेला का लक्ष्मी बाई चोपड़ा, 31 उपवास का प्रीति गोलछा और 18 उपवास का ताराबाई बरडिय़ा ने प्रत्याख्यान ग्रहण किया। आचार्यश्री ने बताया कि ताराबाई बरडिय़ा ने आज 23 उपवास का प्रत्याख्यान ग्रहण कर लिया है।
समाज ने मनाया कृतज्ञता दिवस
अखिल भारतवर्षीय साधुमार्गीय शांत क्रांति जैन श्रावक संघ ने चातुर्मास के समापन होने पर कृतज्ञता दिवस मनाया। इस अवसर पर इंदौर संघ के अध्यक्ष शांति लाल ललवानी, दिया गोलछा, इंदिया कोचर, महेश जैन, कांति लूनिया, कल्पना लूनिया, अनिता बाघमार, मूलचंद संचेती और रायपुर संघ के अध्यक्ष संतोष गोलछा ने अपने भाव प्रकट किए। कांति और कल्पना लूनिया आचार्यश्री के चातुर्मास पर केन्द्रित एक छत्तीसगढ़ी नाटक का मंचन भी किया, जिसे आचार्यश्री, साधु-साध्वियों और श्रावक-श्राविकाओं ने खूब सराहा।